RANCHI: रांची यूनिवर्सिटी में बिना परीक्षा दिये पास हुई छात्रा की कॉपी उत्कल विश्वविद्यालय के जूलॉजी के हेड रहकर रिटायर हो चुके डॉ डीडी गुरु ने जांची थी। अब रांची विश्वविद्यालय इस रहस्य का पता लगाने में जुटा है कि आखिर बिना एक्जाम दिये पीजी जूलॉजी सेमेस्टर वन की छात्रा वर्तिका (नाम बदला हुआ) पास कैसे हो गयी। हालांकि जांच में यह पता चला है कि छात्रा परीक्षा में एपीयर नहीं हुई थी और उसने जो कहा है वह सच कहा है। छात्रा प्रगति रानी गोस्सनर कॉलेज से परीक्षा में अपीयर हुई थी।
मिल नहीं रही छात्रा की कॉपी
रांची विश्वविद्यालय के वीसी डॉ रमेश कुमार पांडेय ने बताया कि छात्रा ने परीक्षा नहीं दी यह तो जांच में सत्य पाया गया है। पर यह गुत्थी अब तक नहीं सुलझ पायी है कि बिना परीक्षा दिये वह पास कैसे हो गई। जिस कॉपी पर उसे बिना परीक्षा दिए ब्7 मार्क्स मिले हैं वह कॉपी मिल नहीं रही है। जांच में यह भी पता चला है कि रांची यूनिवर्सिटी से उत्कल विश्वविद्यालय जांचने के लिए क्ख्फ् कॉपियां भेजी गयी थीं पर जब जांच के बाद वहां से कॉपियां आयीं तो उनकी संख्या क्ख्ब् थीं। इससे यह जाहिर होता है कि किसी ने एक खाली कॉपी में पन्ने इंसर्ट करके उसका सारा विवरण भरकर उत्कल विश्वविद्यालय को भेजी जानेवाली कॉपियों के लॉट में भेजा था। डॉ डीडी गुरु जूलॉजी के प्रतिष्ठित विद्वान हैं इसलिए उनके स्तर से कोई गड़बड़ी हुई ऐसा होना मुश्किल लगता है। वहां से आने के बाद मार्क्स फाइल में छात्रा का अंक चढ़ा दिया गया और छात्रा पास हो गई। उन्होंने बताया कि इस मामले में चाहे जिस स्तर से गलती हुई होगी दोषी को बख्शा नहीं जायेगा।
परीक्षा विभाग है दोषी
इस मामले में पीजी छात्र संघ के अध्यक्ष तनुज खत्री ने बताया कि बिना एक्जाम में बैठे यदि छात्रा को मार्क्स मिले हैं तो इसके लिए दोषी यूनिवर्सिटी का परीक्षा विभाग है। इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए क्योंकि इससे विश्वविद्यालय की बदनामी हो रही है। यह उस छात्रा के सारे बैचमैट जानते हैं कि जिस दिन छात्रा का एक्जाम था उस दिन उसकी शादी थी तो उसने एक्जाम नहीं दिया। ऐसे में वह पास कैसे हुई यह जांच का विषय है।
बॉक्स का मैटर
बिना परीक्षा दिये पास हुई थी छात्रा
गौरतलब है कि रांची विश्वविद्यालय के पीजी जूलॉजी डिपार्टमेंट की छात्रा वर्तिका (नाम बदला हुआ) ने सेमेस्टर वन की परीक्षा नहीं दी और उसे पास कर दिया गया। छात्रा ने जब अपना परीक्षा परिणाम देखा तो वह हैरान रह गयी। क्योंकि जिस दिन उसकी परीक्षा थी उस दिन यानि भ् मार्च को उसकी शादी होने के कारण वह परीक्षा में नहीं बैठ पायी थी। पीजी जूलॉजी के सेमेस्टर वन की परीक्षा फरवरी में शुरु हुई थी। इसका रिजल्ट जुलाई में आया। इसके बाद उसने क्ख् अगस्त को एक्जामिनेशन के कंट्रोलर को एक चिटठी लिखी और कहा कि विवाह के कारण वह एक पत्र की परीक्षा में अनुपस्थित रही। इसलिए उसके मार्क्स कैंसिल किए जायें। इसके बाद रांची विश्वविद्यालय इस मामले की जांच में जुट गया है।
वर्जन- पीजी जूलॉजी की छात्रा के बिना परीक्षा दिये पास होने की जांच चल रही है। जिस कॉपी के आधार पर उसे मार्क्स मिले हैं वह मिल नहीं रहा। पर यह पता चला है कि छात्रा परीक्षा में एपीयर नहीं हुई थी। जांच पूरी होने के बाद सच्चाई सामने आ जायेगी।
डॉ रमेश कुमार पांडेय, वीसी आरयू
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बिना परीक्षा दिये यदि छात्रा पास हो गयी है तो इसमें दोष तो परीक्षा विभाग का ही माना जायेगा। इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
तनुज खत्री, अध्यक्ष, पीजी छात्र संघ, आरयू