रांची (ब्यूरो) । भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने रविवार को रांची के मारू टावर स्थित मीडिया सेंटर में प्रेस वार्ता करते हुए उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के हाल के निर्णय के आदेश में राज्य सरकार पर बड़ा हमला बोला। प्रतुल शाहदेव ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने के लिए जो याचिका दाखिल की थी उसे उच्च न्यायालय ने न सिर्फ खारिज किया बल्कि मुख्यमंत्री के द्वारा राजनीतिक बदले का जो आरोप लगाया गया था, उसे एक हारे हुए मुवक्किल की आखिरी कोशिश की संज्ञा दे दी डब्ल्यूपी (सीआर) 68 /2024. उ'च न्यायालय ने अपनी तलख टिप्पणी में यह भी कहा कि ईडी ने अब तक जितने साक्ष्य जुटा है प्रथम दृष्टया उसमें हेमंत सोरेन की इस घोटाले में संलिप्त्ता उजागर होती है। उ'च न्यायालय ने अपने निर्णय में हेमंत सोरेन के दिल्ली स्थित आवास में ईडी की छापेमारी में 36 लाख की रुपए की रिकवरी पर भी बड़ा प्रश्न खड़ा किया। उच्च न्यायालय ने हेमंत सोरेन के द्वारा इसे अपने माता-पिता के इलाज के लिए जमा किए गए पैसे रखने की दलील को अनटेनेबल यानी असमर्थनीय माना।
अवैध खनन मामले में
प्रतुल ने कहा इसी तरीके से राज्य सरकार ने साहिबगंज के नींबू पहाड़ के अवैध खनन मामले में सीबीआई की जांच के आदेश को चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान जानना था कि राज्य सरकार इस जांच को रोकने के लिए क्यों इतनी उत्सुक है? अंतत रा'य सरकार की याचिका खारिज हो गई और सीबीआई जांच जारी रहेगी। स्पष्ट है कि जो हेमंत सोरेन के कार्यकाल में भ्रष्टाचार हुआ था, अब उस घोटाले पर न्यायिक दृष्टिकोण भी सख्त होता जा रहा है और न्यायालय पैनी नजर रख रही है।
षड्यंत्र की धारा को जोड़ा
प्रतुल ने कहा कि सदर थाने में जमीन घोटाले के संबंधित जो एफआईआर हुआ था, उसमें षड्यंत्र की धारा को जोड़ा गया था। लेकिन इस षड्यंत्र की धारा (120 बी) को पेन से काट के मिटाने की घटना को भी उच्च न्यायालय ने बहुत गंभीरता से लिया है और कहा कि उसे समय हेमंत सोरेन की सरकार का कार्यकाल था।