रांची(ब्यूरो)। हाड़ कंपाती ठंड और दफ्तर में नहीं आ रही धूप! जी हां, राजधानी रांची के सरकारी कार्यालयों में कुछ ऐसा ही मामला है, जहां अधिकारी और कर्मचारी अपने ऑफिस में नजर नहीं आकर बाहर धूप सेंक रहे हैं। या यूं कहें की लेटलतीफी पकड़े जाने पर यही बहाना बना रहे हैं। आम लोग अपने काम को लेकर ऑफिस की दौड़ लगा रहे हैं लेकिन ऑफिस में कोई हो तब तो उनका काम होगा। ज्यादातर सरकारी कार्यालयों का यही हाल है। आइए आज जानते हैं कचहरी चौक स्थित इंजीनियरिंग भवन का हाल।

11 बजे तक कुर्सियां खाली

स्थान इंजीनियरिंग भवन, समय दिन के 11 बज रहे हैं। लेकिन, यह क्या यहां तो ऑफिस में ना अधिकारी नजर आ रहे हैं और न कर्मचारी। राज्य सरकार के निर्देश हैं कि सभी अधिकारी 10 बजे तक कार्यालय पहुंच जाएं। लेकिन, यहां तो 11 बजे तक किसी का अता-पता ही नहीं है। खासकर विभाग के इंजीनियर तो कभी भी कार्यालय समय पर नहीं पहुंचते हैं। कभी साइट पर घूमने जाने के बहाने तो कभी और बहाने बनाकर टाइम से कभी भी कार्यालय नहीं पहुंचते हैं। सरकार की ओर से अफ सरों के कार्यालय में बैठने का समय निर्धारित किया गया है। लेकिन इंजीनियरिंग भवन के अधिकारियों के दफ्तर में देरी से पहुंचने का ढर्रा बदलने वाला नहीं है। आलम यह है कि 10 बजे अधिकारियों को अपने कार्यालय में होना चाहिए लेकिन उनकी कुर्सी खाली पड़ी रहती है।

राज्य भर से पहुंचते हैं लोग

यह ग्रामीण विकास विभाग का कार्यालय है, जहां से राज्य भर की सड़क निर्माण की योजनाएं बनती हैं। इस विभाग में हजारों लोग रोड बनाने का काम करते हैं। करोड़ो-अरबों रुपए का टेंडर इस विभाग से पास होता है, लेकिन समय पर अधिकारियों के नहीं पहुंचने के कारण कभी ठेकेदार को बिल नहीं मिलता है तो कभी उनका काम डिले हो जाता है। लोग घंटों बैठकर यहां इंजीनियर्स का इंतजार करते रहते हैं।

ऐसे ही नहीं बढ़ती पेंडेंसी

सरकार ने सप्ताह में दो दिन छुट्टी का निर्णय लेकर सुबह 10 बजे से शाम 5.30 बजे तक कार्यालय का समय तय किया है। दो दिन की छुट्टी देने के पीछे सरकार की मंशा थी कि कर्मचारी-अधिकारी अधिक ऊर्जा से काम करें। जिससे आम जनता को राहत मिल सके। लेकिन इसका असर उलटा दिख रहा है। बीते एक साल में अधिकतर कार्यालयों में पेंडेंसी 20 परसेंट तक बढ़ गई है। हालत यह है कि दो दिन एक साथ छुट्टी मिलने के कारण लोग छुट्टी एक साथ बढ़ाकर ले लेते हैं, जिसका असर काम पर पड़ रहा है।

पब्लिक को परेशानी

अधिकारी को सुबह दस बजे कार्यालय आने का समय है, जिससे उनकी समस्याओं का निस्तारण हो सके। मगर कर्मचारी कार्यालय नहीं पहुंचते हैं। जिससे लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है। लोगों को हमेशा विभाग के इंजीनियरों से काम रहते हैं, इनमें बहुत सारे ऐसे लोग कार्यालय आते हैं जो राज्य के दूसरे जिलों से रहते हैं, उनको काम करके वापस अपने घर भी जाना होता है, लेकिन इंजीनियर समय पर नहीं मिलते हैं, जिसके कारण वो परेशान रहते हैं। बहुत सारे लोगों को पांच घंटे तक बैठ कर इंजीनियर का इंतजार करना पड़ता है।

अटेंडेंस बनाकर गायब

यहां सरकारी कर्मचारी तो जब समय पर कार्यालय पहुंच जाते हैं, उसके बाद अटेंडेंस बनाकर गायब भी हो जाते हैं, आने और जाने वाले समय में अटेंडेंस बनाकर वो कहीं निकल भी जाते हैं, लोग उनके आने का इंतजार कई घंटे तक करते रहते हैं। इसके अलावा दोपहर में लंच के नाम पर भी कार्यालय खाली हो जाता है। इसके बाद यहां के कर्मचारी कचहरी चौक और उसके आसपास घूमने के लिए निकल जाते हैं। डेढ़ बजे लंच का समय होने के बाद तीन बजे तक कर्मचारी घूमकर वापस कार्यालय पहुंचते हैं, तब तक लोगों को इंतजार करना पड़ता है।