RANCHI: रेलवे ने कोरोना महामारी के बीच फेस्टिवल को देखते हुए कुछ स्पेशल ट्रेनों को चलाने की परमिशन दे दी है। लेकिन पहले से ही ट्रेनों का फेयर पूजा स्पेशल के नाम पर 30 परसेंट तक बढ़ा हुआ है। अब ट्रेन को सुपरफास्ट कैटेगरी में डालकर पैसेंजर्स की जेब काटने की तैयारी है। इसे लेकर पैसेंजर्स एसोसिएशन ने चिंता जताई है। साथ ही कहा कि रेलवे पैसेंजर्स पर एक्सट्रा बोझ डालता जा रहा है।
एसोसिएशन ने जताई चिंता
एसोसिएशन का कहना है कि धनबाद रूट पर कई ट्रेनों को पहले ही बंद कर दिया गया था। कोरोना काल में तो ट्रेनों का परिचालन हुआ ही नहीं। अब स्पेशल ट्रेन के नाम पर कई ट्रेनों को चलाने की मंजूरी मिली तो अधिक भाड़ा वसूला जा रहा है। ये भाड़ा नार्मल से 30 परसेंट तक अधिक है। जबकि सुपरफास्ट का भी कुछ चार्ज पैसेंजर्स से ही वसूला जा रहा है।
रांची-हटिया से ट्रेन चलाने की मांग
एसोसिएशन ने कहा कि बिहार,उत्तर प्रदेश, बंगाल, ओडि़शा समेत कई राज्यों के नागरिक निवास करते हैं, जो सालों से सरकारी नौकरी और व्यापार में लगे थे। धीरे-धीरे झारखंड में ही बस गए। लेकिन वैसे लोगों के परिवार के अधिकतर लोग उनके घरेलू राज्यों में ही रह रहे हैं, जिनके सानिध्य में पर्व त्योहार, शादी-विवाह जैसे कार्यक्रम सामूहिक रूप से मनाने की परंपरा हम भारतीयों की संस्कृति और परवरिश में आज भी जीवंत है। इसलिए रांची और हटिया से ट्रेन चलाने की मांग की है, ताकि लोगों पर यह अतिरिक्त बोझ न बढ़े।
स्पेशल ट्रेन चलाकर उसका किराया फ्लेक्सी फेयर में डाल दिया गया है। इस वजह से नार्मल फेयर से 30 परसेंट तक ज्यादा किराया पैसेंजर्स चुका रहे हैं। सुपरफास्ट का चार्ज तो ज्यादा नहीं है लेकिन यह भी एक्सट्रा बोझ पैसेंजर्स की जेब पर पड़ेगा। इस पर अधिकारियों को सोचने की जरूरत है। फेस्टिव सीजन में जब ट्रेनें ज्यादा चलाने की जरूरत है तो इस पर ध्यान नहीं दिया गया। हमने रेलवे से मांग की है कि कुछ ज्यादा ट्रेनें चलाने की अनुमति दें। पीएम, रेलवे बोर्ड समेत सभी वरीय अधिकारियों को इसके लिए पत्र भेजा है।
-प्रेम कटारूका, मानद सचिव, झारखंड पैसेंजर्स एसोसिएशन, सदस्य आरआरयूसीसी, दपूरे,कोलकाता