रांची : राजधानी में साइबर अपराध के लिए बनाई गई स्पेशल 40 और स्पेशल 24 टीम लगातार मामलों का खुलासा कर रही है। इस स्पेशल टीम का अपराधियों पर पैनी नजर है। स्पेशल 40 टीम 100 से ज्यादा मामलों का निबटारा कर चुकी है। जबकि एक महीने के अंदर ही स्पेशल 40 टीम 20 से अधिक मामलों को सुलझा चुकी है। इन दोनों टीमों ने दर्जन से ज्यादा अपराधियों को भी पकड़ा है। पुलिस की यह टीम अपने मकसद में कामयाब हो जाती है तो राजधानी रांची में पें¨डग पड़े लगभग 200 साइबर केस और 400 से ज्यादा पुराने मामले सॉल्व हो जाएंगे। रांची के साइबर समेत विभिन्न थानों में एक हजार से ज्यादा साइबर अपराध के मामले लंबित हैं। इसमें से गठित स्पेशल 24 को 400 केसों के निष्पादित करने की जिम्मेदारी दी गई। सिटी एसपी सौरभ द्वारा गठित टीम को निर्देश दिया है कि वे हर हाल में 90 दिनों के भीतर कांडों का निष्पादन कर दें, ताकि लंबित मामले कम हो सके।
हर टीम में इंस्पेक्टर व दो एसआइ
सिटी एसपी ने पुराने साइबर कांडों का निष्पादन करने के लिए आठ टीमों का गठन किया है। गठित प्रत्येक टीम में एक इंस्पेक्टर के साथ दो एसआइ स्तर के पुलिस पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की गई है। प्रत्येक टीम को 50 लंबित केस का निष्पादन करने की जिम्मेदारी दी गई है। प्रत्येक टीम से कहा गया है कि वे आपस में ताल-मेल बनाकर केस का निष्पादन करें। जबकि सामान्य मामलों में 40 सबइंस्पेक्टरों को लगाया गया है। इसकी मॉनिट¨रग खुद सिटी एसपी कर रहे हैं।
इस वजह से बनी टीम
रांची के थानों में अलग-अलग मामले दर्ज हैं। जो लंबे समय से पें¨डग में हैं। इसी तरह साइबर के मामले तो दर्ज होते हैं, लेकिन अधिकतर मामलों का निष्पादन ही नहीं होता है। रांची के थानों में दर्ज इन कांडों की समीक्षा के दौरान पता चला कि बड़ी संख्या में मामले लंबित हैं। इसके लिए एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा के निर्देश पर सिटी एसपी सौरभ ने स्पेशल 40 और स्पेशल 24 टीम का गठन किया गया । गठित टीम पुराने लंबित और नए मामलों का निष्पादन कर रही है। इसके लिए टीम को तीन महीने का टास्क दिया गया है। उन्हें निर्देश दिया गया है कि वे जितने भी पुराने मामले हैं, उन मामलों को निर्धारित समय में हर हाल में निष्पादित कर दें। इस स्पेशल टीम को नए केस का अनुसंधान नहीं दिया जा रहा है।