रांची (ब्यूरो) । गुरुद्वारा श्री गुरुनानक सत्संग सभा, कृष्णा नगर कॉलोनी में स्वर्गीय मोहनलाल मिढा की 18वीं बरसी के उपलक्ष्य में सुबह विशेष दीवान सजाया गया.विशेष दीवान की शुरुआत सुबह 8.00 बजे हजूरी रागी जत्था भाई महिपाल सिंह जी द्वारा आसा जी दीवार कीर्तन से हुई तत्पश्चात गुरुद्वारा साहिब के मुख्य ग्रन्थी ज्ञानी जिवेंदर सिंह ने कथा वाचन कर साध संगत को गुर इतिहास से जोड़ा। हजूरी रागी जत्था भाई महिपाल सिंह जी एवं साथियों ने संतन कहै सुनिअत प्रभ की बाततथा एह सागर सोई तरै जो हर गुण गावै तथा मन तन तेरा धन भी तेरा,तू ठाकुर स्वामी प्रभ मेरा शबद गायन कर संगत को गुरवाणी से जोड़ा.सत्संग सभा के सचिव अर्जुन देव मिढ़ा ने मुखी मोहन लाल जी मिढ़ा के प्रति श्रद्धांजलि व्यक्त करते हुए कहा कि वे सेवा और सिमरन के प्रति पूर्ण समर्पित एवम समाज की नींव थे.उन्हें समाज के लिए प्रेरणास्रोत बताते हुए संगत से उनका अनुकरण करने को कहा।

गुरु घर की अथक सेवा

स्व मोहन लाल जी मिढ़ा की स्मृति में उनके परिवार के सदस्यों द्वारा पढ़े गए श्री सहज पाठ साहिब जी की सामूहिक समाप्ति हुई। गुरूघर के सेवक मनीष मिढ़ा ने स्व मुखी मोहन लाल जी मिढा की जीवनी के बारे साध संगत को बताया कि शहर के चिर परिचित मुखी मोहन लाल एक संत पुरुष थे, जिन्होंने गुरु घर की अथक सेवा करने के अलावा अपने जीवनकाल में समाज के लोगों को विशेषकर बच्चों को गुरु घर से जोड़ा.अपने पिता की मृत्यु के बाद लगातार 30 वर्षों तक मुखी रहकर समाज के हर सुख दुख में लोगों के बीच रहे तथा हर एक धार्मिक तथा सामाजिक कार्यों में अपना नि:स्वार्थ योगदान दिया.इसके अलावा अपने पूरे जीवन काल में शास्त्री मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष का कार्यभार भी संभाला।

सेवा करने के लिए

सत्संग सभा के मीडिया प्रभारी नरेश पपनेजा ने बताया कि इस मौके पर समर्पित भाव से रोजाना गुरुघर की सेवा करने के लिए समाज के नन्हें नवदीप ग्रोवर को सत्संग सभा के अध्यक्ष द्वारका दास मुंजाल ने गुरु घर का सरोपा ओढ़ाकर सम्मानित किया। श्री अनंद साहिब जी के पाठ, अरदास, हुकुमनामा एवं कड़ाह प्रसाद वितरण के साथ सुबह 10.45 बजे विशेष दीवान की समाप्ति हुई। मंच संचालन मनीष मिढा ने किया.इस मौके पर सत्संग सभा द्वारा गुरु का अटूट लंगर भी चलाया गया।

ये रहे मौजूद

दीवान में सुंदरदास मिढा,सुरेश मिढा,चरणजीत मुंजाल,मनोहर लाल मिढा,मोहन काठपाल,आत्म प्रकाश मिढ़ा,जीवन मिढा,अमरजीत गिरधर,नरेश पपनेजा,अशोक गेरा,विनोद सुखीजा,हरीश मिढा,ललित गखड,अनूप गिरधर,नानक चंद अरोड़ा,बसंत काठपाल,लक्ष्मण दास मिढ़ा,वेद प्रकाश मिढ़ा,पुरुषोत्तम सरदाना,दिनेश मिढ़ा,रमेश तेहरी,आशु मिढा,नवीन मिढा,महेंद्र अरोड़ा,इंदर मिढा,रमेश पपनेजा,राकेश गिरधर,राजेंद्र मक्कड़,सुभाष मिढा,जितेंद्र मुंजाल समेत अन्य श्रद्धालु शामिल थे।