रांची: आम लोगों को अपने घरों में स्मार्ट बिजली मीटर लगाने के लिए अभी और इंतजार करना पड़ सकता है। स्मार्ट मीटर का सपना अभी पूरा होता नजर नहीं आ रहा है। एक बाद एक नए विवादों में स्मार्ट मीटर प्रोजेक्ट उलझता जा रहा है। एक बार फिर यह योजना टेंडर के पेंच में फंस गया है। स्मार्ट मीटर का टेंडर 2018 में ही किया गया था, लेकिन दो साल बाद भी अबतक इस प्रोजेक्ट में काम शुरू नहीं हुआ है। जबकि 2021 तक हर घर को स्मार्ट मीटर से लैस करना था। मीटर के टेंडर में गड़बड़ी पाए जाने पर इसकी जांच निगरानी कर रही है, जिसने अब तक अपनी रिपोर्ट नहीं सौंपी है। इधर, जेबीवीएनएल एक बार फिर नए सिरे से टेंडर निकालने की तैयारी कर रहा है।
बदलने हैं 3.5 लाख मीटर
रांची में लगभग साढे़ तीन लाख स्मार्ट मीटर लगाया जाना है। ये सभी मीटर प्री पेड सिस्टम से ऑपरेट होंगे, जिसमें जितना पॉवर यूज करना है, उसके बदले में पहले मीटर रिचार्ज करना होगा। इस पर लगभग 250 करोड़ रुपए की लागत आने का अनुमान था। 2018 में ही टेंडर भी निकाला गया। लेकिन काम शुरू होने से पहले ही टेंडर पर जांच बैठा दी गई। जो अबतक पूरा नहीं हुआ है। जांच शुरू होने के बाद पूरा प्रोजेक्ट ही रोक दिया गया। अब एक बार फिर से बिजली विभाग में स्मार्ट मीटर को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई है। विभाग के पदाधिकारियों की मानें तो जल्द ही निगम बोर्ड की बैठक बुलाकर इस पर निर्णय ले लिया जाएगा। इसबार इसे बडे़ पैमाने पर शुरू करने की योजना है।
ये होंगे फायदे
स्मार्ट मीटर लगने से कई फायदे हो सकते हैं। आम पब्लिक के साथ-साथ सरकार और बिजली विभाग को भी इससे फायदा हो सकेगा। आम पब्लिक को जहां बिल के झंझट से छुट्टी मिल जाएगी वहीं विभाग को बिजली चोरी से छुटकारा मिलेगा। इसका सबसे बडा फायदा इलेक्ट्रिसिटी बिल को लेकर है। अभी जो व्यवस्था है वो पोस्टपेड आधारित है। अर्थात बिजली यूज करने के बाद मीटर रीडिंग के अनुसार बिल भेजा जाता है, लेकिन नई व्यवस्था लागू होते ही प्रीपेड सिस्टम पर काम होना शुरू हो जाएगा। इसमें अपनी जरूरत के अनुसार, मीटर रिचार्ज कर सकेंगे। रिचार्ज की वैलिडिटी खत्म होते ही फिर से रिचार्ज करना होगा। इसके अलावा स्मार्ट प्री पेड मीटर की मदद से कब कितनी बिजली की खपत हुई, इसका भी पता लगाया जा सकेगा। इस आधार पर बिजली के उपकरणों का उपयोग कम और ऊर्जा एवं पैसे की भी बचत की जा सकेगी। प्रीपेड मीटर से जेबीवीएनएल की वित्तीय स्थिति में भी सुधार होगा और राजस्व में भी वृद्धि होगी।