रांची (ब्यूरो)। अपने काम पर फोकस कर ही जीवन में सफलता हासिल की जा सकती है। भारतीय संस्कृति में आध्यात्मिकता, सहिष्णुता, विश्वबंधुत्व व राष्ट्रीयता की भावना अंतर्निहित है, यह अपने समन्वयवादिता के लिए विश्वविख्यात है। ये बातें सरला बिरला यूनिवर्सिटी के एनुअल मीट पलाश में बतौर मुख्य अतिथि एडीजी, जैप तदाशा मिश्रा ने कहीं। एनुअल मीट का थीम आजादी का अमृत महोत्सव था। बीके बिरला प्रेक्षागृह में आयोजित एनुअल कल्चरल मीट में तदाशा मिश्रा ने यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित कार्यक्रम एवं अनुशासन की प्रशंसा करते हुए कहा कि इसी तरह अनुशासित होकर राष्ट्र की एकता व अखंडता को कायम रखना हम सभी का कर्तव्य है।
चरित्र निर्माण भी जरूरी
विशिष्ट अतिथि परफॉर्मिंग एंड फाइन आर्ट, रांची यूनिवर्सिटी की निदेशक डॉ नीलिमा पाठक ने कल्चरल प्रोग्राम के दिए गए नाम पलाश को सुखद एवं आनंद का अनुभूति कराने वाला बताया। आरयू की पूर्व डीन डॉ सरस्वती मिश्रा ने कहा कि एसबीयू अमृत कलश है और यहां के छात्र उस कलश के अमृत हैं। अध्यक्षता कर रहे यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो गोपाल पाठक ने कहा कि करियर निर्माण के साथ चरित्र निर्माण का भी उतना ही महत्व है। देश के पुरोधाओं ने जो हमें आजादी दिलाई है उसे अक्षुण्ण बनाए रखना वर्तमान के साथ भावी पीढ़ी का परम कर्तव्य है।
शानदार कल्चरल प्रोग्राम
यूनिवर्सिटी के छात्र छात्राओं ने अभिज्ञान शाकुंतलम् नाटिका, फ्यूजन डांस, सोलो सॉन्ग, आजादी का नया दौर-स्किट-1, पंजाबी फोक डांस, नृत्य नाटिका, आर्टिस्टिक योगा, राजस्थानी फोक डांस, आजादी ऐसी भी- स्किट-2, बैंड परफॉर्मेंस आदि कई मनमोहक एवं प्रेरक कार्यक्रम प्रस्तुत कर न केवल सबका मन मोहा, बल्कि कई ज्वलंत बिंदुओं पर विचार करने के लिए भी प्रेरित किया। गेस्ट्स का स्वागत डॉ रिया मुखर्जी व संचालन डॉ नीतू सिंह ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ अशोक अस्थाना ने किया। राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ। मौके पर सरिता वर्मा, लक्ष्मी वर्मा, प्रो श्रीधर बी दंडिन, प्रो संजीव बजाज, डॉ सुबानी बाड़ा, अजय कुमार, प्रवीण कुमार, आशुतोष द्विवेदी, डॉ संदीप कुमार, आरोही आनंद, पूजा मिश्रा, प्रो आदित्य विक्रम वर्मा, डॉ मनोरमा, डॉ भारद्वाज शुक्ल, सुभाष नारायण शाहदेव, सतीश कुमार, प्रतीक कुमार, आदित्य रंजन, ऋषिराज जमुआर सहित यूनिवर्सिटी के सभी पदाधिकारी, शिक्षक, कर्मचारी एवं छात्र छात्राएं उपस्थित थे।