रांची(ब्यूरो)। राजधानी रांची में अब लोगों को राहत मिलने वाली है। क्योंकि रांची के 18 बालू घाटों के टेंडर का रास्ता साफ हो गया है। रांची जिला प्रशासन ने इन बालू घाटों का टेंडर करने के लिए सभी तरह के क्लियरेंस करके झारखंड स्टेट मिनरल्स डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (जेएसएमडीसी) को पत्र भेज दिया है, अब जेएसएमडीसी द्वारा जल्द ही इसका टेंडर किया जाएगा। टेंडर पूरा होने के बाद रांची के बालू घाट से भी बालू मिलने लगेगा। इसके बाद शहर के लोगों को कम दर पर बालू मिलने लगेगा।

डेढ़ गुणा महंगा बिक रहा बालू

रांची में बालू का काला कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है। 19 हजार का बालू 29 हजार रुपये में बिक रहा है। रांची सहित राज्य के अधिकतर जिलों में एक भी घाट की बंदोबस्ती नहीं होने से पिछले पांच सालों से बिना टेंडर के ही बालू का खनन और परिवहन हो रहा है।

मुंहमांगी कीमत

लोगों को मुंहमांगी कीमत पर बालू खरीदना पड़ रहा है। पिछले साल भी किल्लत होने पर बिहार, बंगाल से बालू मंगाना पड़ा था। तब 18 हजार रुपये वाला बालू 48 हजार में बिका था। बता दें कि बालू घाटों की बंदोबस्ती से पहले सभी जिलों की डिस्ट्रिक्ट सर्वेक्षण रिपोर्ट तैयार करके जेएसएमडीसी को भेज दिया गया है। अब इसका टेंडर करने का प्रॉसेस पूरा किया जा रहा है। बालू कारोबारियों के अनुसार, राज्य भर में रोजाना 700 से 800 हाईवा अवैध बालू की खरीद-बिक्री होती है। औसतन 28,000 रुपए प्रति हाईवा की दर से बालू की बिक्री होती है तो भी प्रति माह करीब 60 करोड़ रुपए का अवैध धंधा चल रहा है।

बालू के लिए हमेशा परेशानी

राज्य के सभी बालू घाटों की नीलामी ना होने की वजह से ये हालात पैदा हुए हैं। राज्य सरकार ने इस साल मार्च महीने में बालू घाटों की नीलामी कराने का ऐलान किया था, लेकिन खनन विभाग तकनीकी वजहों से समय पर इसकी प्रक्रिया शुरू नहीं कर पाया था, विधानसभा में मुद्दा उठा था तब सरकार ने आधिकारिक तौर पर कहा था कि 15 दिनों के अंदर बालू घाटों के टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी लेकिन ऐसा हो नहीं पाया।

जेएसएमडीसी से ऑनलाइन मिल रहा बालू

पूरे राज्य में बालू कारोबारियों का स्टॉक बहुत कम बचा है। सभी बालू घाटों की नीलामी ना होने तक झारखंड स्टेट मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ने ऑनलाइन बालू परमिट देने की जो वैकल्पिक व्यवस्था की है। उससे बाजार की डिमांड के अनुसार बालू उपलब्ध कराना संभव नहीं हो पा रहा है।