रांची (ब्यूरो) । मदरसा शिक्षक महासंघ झारखंड, रांची द्वारा अधिकार सम्मेलन का आयोजन अंजुमन प्लाजा सभागार में आयोजित किया गया। झारखंड राज्य के अंतर्गत प्रास्वीकृत 46 मदरसा एवं 38 संस्कृत विद्यालय में कार्यरत शिक्षक एवं शिक्षकतर कर्मी को वेतनमान में अनुदान दिया जाए। उक्त बातें महासंघ झारखंड के अध्यक्ष मौलाना मुस्तफा कासमी ने कहीं। उन्होंने कहा की संयुक्त बिहार के समय में संचालित मदरसा एवं संस्कृत विद्यालय की प्रास्वीकृत झारखंड सरकार से लंबे संघर्ष के बाद उनके कैबिनेट की बैठक में 2011 के फैसले के आलोक में बिहार राज्य संस्कृत विद्यालय प्रास्वीकृत नियमावली 1976 में मदरसा प्रास्वकृत नियमवाली 1980 के प्रावधानों के अनुसार झारखंड सरकार ने 46 मदरसा और सांस्कृत के 38 संस्कृ विद्यालयों को स्वीकृति दी थी।
80 हजार से तीन लाख
मदरसा एवं संस्कृत विद्यालय को प्रति वर्ष एक लाख 80 हजार से तीन लाख 60 हजार अनुदान मिलता है। शिक्षकतर कर्मियों को प्रतिमाह 2 हजार से 3 हजार का ही अनुदान मिलता है। हमारी मांग है कि मदरसा शिक्षक और शिक्षकत्तर कर्मियों को पूरा वेतन मान दिया जाए। अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा। आगे कहा की बिहार के तर्ज पर नियमावली 1980 के अनुसार प्रास्वीकृत के बाद अनुदान वेतन मद में देना है। झारखंड सरकार भी 1980 नियमावली के मुताबिक 46 मदरसा के शिक्षकों को वेतन मद में शीघ्र ही अनुदान दे। मौके पर बतौर मुख्य अतिथि झारखंड अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष शमशेर आलम ने कहा कि मदरसा शिक्षक की जितनी भी समस्याएं हैं, उसको लेकर मैं अपने विभाग के स्तर पर शिक्षा सचिव, सीएम से बात कर मदरसा की सारी समस्याओं को दूर करने का काम करेंगे। आप सबकी मांग जायज है। मैं सीएम चंपई सोरेन के पास आपकी मांग को रखूंगा और मुख्यमंत्री साहब काम कर देंगे। आपके जो हक और अधिकार है उसे हम दिला कर रहेंगे। मौके पर अध्यक्ष मौलाना गुलाम मुस्तफा कासमी, मौलाना सिराज, मौलाना मंसूर,कारी शाहिद जमाल, हाफिज साजिद,मोहम्मद असादुल्लाह, मौलाना मुश्ताक, जुल्फिकार कादिर, फजरुल कादिर, अब्दुल वहाब, मौलाना समीम, तय्यब अली सहित कई जिलों के शिक्षक मौजूद थे।