रांची(ब्यूरो)। सिटी में लोगों द्वारा विभिन्न गलतियां करने पर नगर निगम की ओर से फाइन वसूला जाता है। लेकिन इंफोर्समेंट टीम में मैनपावर की कमी के कारण नगर निगम फाइन नहीं वसूल पा रहा है। बीते पांच महीने(अप्रैल से अगस्त के बीच)में नगर निगम करीब तीन लाख 80 हजार रुपए ही वसूल पाया है। यानी हर महीने करीब 76 हजार रुपए की वसूली हुई है। जबकि हर महीने एक से दो लाख रुपए की वसूली होती थी। इसके पीछे की बड़ी वजह है इंफोर्समेंट टीम का न होना। दरअसल, इन दिनों सिर्फ 17 इंफोर्समेंट अफसर हैं, जबकि पूर्व में इनकी संख्या 50 से भी अधिक थी। अवैध वसूली की शिकायत के बाद नगर निगम ने कार्रवाई करते हुए कुछ कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। इसके बाद नए कर्मियों की बहाली अब तक नहीं हुई है, जिससे निगम को राजस्व का नुकसान हो रहा है।
इंफोर्समेंट अफसर का टोटा
रांची नगर निगम शहर में लोगों को बेहतर सुविधा मुहैया कराने के लिए काम करता है। साफ-सफाई से लेकर रोड-नाली और लाइट भी निगम के जिम्मे है। इसके अलावा शहर को व्यवस्थित करने को लेकर रांची नगर निगम ड्राइव भी चलाता है। वहीं अतिक्रमण करने के अलावा गंदगी फैलाने वालों से फाइन भी वसूलता है। लेकिन पिछले कुछ महीनों से इन सभी कामों पर असर पड़ता देखा जा रहा है। निगम के अधिकारी भी मानते हैं कि इंर्फोसमेंट टीम के न होने के कारण निगम को नुकसान हो रहा है। नगर निगम क्षेत्र में 53 वार्ड है। हर वार्ड में समस्याओं का अंबार है। जिन्हें निपटाने के लिए इंफोर्समेंट अफसरों की जरूरत होती है। लेकिन अफसरों पर ही उगाही का जब आरोप लगने लगता है तो ऐसे में नगर निगम बेबस और लाचार हो जाता है।
सिर्फ लिखित आवेदन पर कार्रवाई
इंफोर्समेंट टीम के नहीं होने का असर निगम के राजस्व वसूली पर पड़ा है। रांची नगर निगम की फाइन से वसूली पहले की अपेक्षा काफी कम हो गई है। लोग भी मनमानी करने लगे हैं। किसी तरह कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। अफसरों के नहीं होने से सभी वार्डों में मॉनिटरिंग नहीं हो पा रही है। 17 अफसरों के लिए संभव नहीं 53 वार्ड में मॉनिटरिंग कर सके। पहले इंफोर्समेंट टीम खुद से भी अभियान चला कर गलत करने या नियम तोडऩे वालों पर जुर्माना करती थी। लेकिन अब सिर्फ लिखित आवेदन पर ही कार्रवाई होती है। उसमें भी कई हफ्ते लग जाते हैं। अब मात्र 17 अफसरों के कंधों पर पूरे शहर की जिम्मेवारी है। ऐसे में केवल लिखित शिकायतों पर ही कार्रवाई हो रही है। वहीं टीम कभी कभार ही ड्राइव चला रही है। अतिक्रमण हटाने में ही टीम का समय बीत रहा है। नतीजन, गली-मोहल्लों की समस्या पर ध्यान नहीं जा रहा है। इस वजह से भी निगम को राजस्व का नुकसान हो रहा है।
फाइन वसूलती है इंफोर्समेंट टीम
इंफोर्समेंट टीम का गठन निगम क्षेत्र में व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से हुआ था। इनके ऊपर जिम्मेवारी है कि ऐसे लोग जो नो पार्किंग में अवैध पार्किंग करते हैं, सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल करने वालों, अतिक्रमण कर दुकान लगाने वालों, सीवरेज से गंदगी फैलाने वाले, सड़क पर बिल्डिंग मैटेरियल गिराने, होल्डिंग टैक्स, ट्रेड लाइसेंस समेत अन्य कामों की जांच इनके जिम्मे होती है। किसी प्रकार की गलती करते पाए जाने पर टीम के अफसर उनपर फाइन करते हैं। टीम का सबसे ज्यादा इस्तेमाल अतिक्रमण हटाने में किया जाता है। लेकिन यह काम भी सही से नहीं हो पा रहा है।
किनसे कितना वसूला गया फाइन
अप्रैल से अगस्त के बीच
प्लास्टिक कैरी बैग - 18740
अपशिष्ट भवन निर्माण सामग्री -8000
अतिक्रमण के लिए -59100
सीवरेज की गन्दगी -11000
गन्दगी -24300
नो पार्किंग -1000
अन्य -257000
कुल -379140