रांची (ब्यरो)। स्टेट के सबसे बड़े हॉस्पिटल रिम्स में जल्द ही मरीज और उनके परिजनों के ठहरने के लिए स्पेशल व्यवस्था होगी। दरअसल, रिम्स परिसर स्थित डेंटल डिपार्टमेंट के पीछे बन रहे विश्राम गृह का काम लगभग पूरा हो चुका है। अब सिर्फ इसे हैंडओवर करने की प्रक्रिया बची है। बिजली, पानी कनेक्शन के अलावा फाइनल टच दिया जा रहा है। इस बिल्डिंग के चालू होने पर रिम्स में इलाज करा रहे मरीजों के परिजनों को एक ठिकाना मिल जाएगा। जहां वे रात गुजार सकेंगे। खासकर इस बिल्डिंग का निर्माण भी इसी उद्देश्य से किया गया है, ताकि परिजनों को ठहरने में कोई परेशानी न हो।

दूसरे राज्यों से भी मरीज

बता दें कि रिम्स में इलाज के लिए ना सिर्फ झारखंड, बल्कि आसपास के राज्यों से भी मरीज आते हैं। इन मरीजों के परिजनों के ठहरने और विश्राम के लिए कोई निश्चित जगह नहीं होने के कारण उन्हें काफी परेशानी होती है। इसी परेशानी को दूर करने के लिए रघुवर सरकार में ही इस बिल्डिंग की आधारशिला रखी गई थी। अस्पताल परिसर में ही एनटीपीसी के सीएसआर फंड से इसका निर्माण किया गया है।

पिछले ही साल पूरा होना था

310 बेड की इस बिल्डिंग के निर्माण में 15 करोड़ की लागत आई है। पांच मंजिला इस भवन को एनटीपीसी की ओर से सीएसआर फंड के तहत तैयार किया गया है। हालांकि, बिल्डिंग का निर्माण 2021 में पूरा करने का लक्ष्य था। लेकिन अब तक इसे हैंडओवर नहीं किया गया है। अब बिल्डिंग तैयार कर ली गई है। नए साल से लोगों को इसकी सुविधा मिलने की संभावना है। यहां परिजनों को कई सुविधाएं मिलेंगी। बिल्डिंग में कैंटीन, कैफेटेरिया, लाउंड्री और फार्मेसी की भी सुविधा होगी, जिससे परिजनों को किसी भी चीज के लिए कहीं और जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

तमाम फैसिलिटीज मिलेंगी

पांच मंजिला विश्राम गृह के हर एक कमरे में 6 से 8 बेड लगाए गए हैं। साथ ही सामान रखने के लिए हर कमरे में अलमारी है। इसके अलावा हर एक कमरे के बाहर लॉकर मिलेगा, जिसमें मरीज व उनके परिजन अपने सामानों को सुरक्षित रख सकेंगे। हर एक फ्लोर पर चार वॉशरूम भी है। वहीं दिव्यांगों के लिए भी अलग से वॉशरूम की व्यवस्था है। ग्राउंड फ्लोर पर वेटिंग एरिया, कैफेटेरिया और कैंटीन की भी सुविधा मिलेगी। विश्राम गृह का निर्माण कर रही कंपनी के कर्मचारी ने कहा कि भवन जी-प्लस पांच फ्लोर का है। जिसका काम 95 प्रतिशत तक पूरा हुआ है। 300 से ज्यादा बेड वाले विश्राम गृह में डोरमेट्री बनाई गई है। इसके साथ ही सामान रखने के लिए पर्सनल लॉकर भी दिया गया है। वहीं, विश्राम गृह में फार्मेसी काउंटर भी बनाया गया है, जहां मरीज के लिए दवा खरीद सकते हैं।

एक छत के नीचे सारी व्यवस्था

एक ही छत के नीचे ठहरने से लेकर खाने-पीने का भी इंतजाम होगा। हालांकि, इस सुविधा के लिए लोगों को क्या चार्ज देना होगा, यह प्रबंधन तय करेगा। लिफ्ट, फायर फाइटिंग का इंतजाम किया गया है। इस बिल्डिंग में लोगों के लिए दो लिफ्ट लगाई गई हैं। ये दोनों ही लिफ्ट लोगों के लिए चालू रहेंगी। इसके अलावा विश्राम गृह के बगल में ही फायर फाइटिंग का इंतजाम भी है। सेपरेट 40 हजार लीटर का टैंकर भी बनाया गया है। इसे जरूरत पडऩे पर आग बुझाने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। वहीं हॉस्पिटल से निकलने वाला पानी शॉकपिट में डालने की व्यवस्था है। साथ ही रेनवाटर हार्वेस्टिंग से भी ग्राउंड वाटर रिचार्ज होगा।

बिल्डिंग का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। इसे हैंडओवर लेने की प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही सुविधा आम लोगों के लिए शुरु हो जाएगी।

-डॉ। राजीव रंजन, पीआरओ, रिम्स