रांची (ब्यूरो) । रामनगरी अयोध्या में रामलाल के प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर 22 जनवरी हरमू रोड स्थित श्री श्याम मंदिर में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। सुबह 5 बजे से निरंतर देर रात तक विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। सुबह 5.30 की मंगला आरती के बाद खाटूनरेश का भव्य श्रृंगार बालाजी महाराज का अनुपम श्रंगार शिव परिवार का दिव्य श्रृंगार मंदिर के आचार्य द्वारा किया जाएगा।
पाठ चलता रहेगा
मंदिर परिसर में मंदिर के आचार्य द्वारा निरंतर राम नामी पाठ चलता रहेगा। मंदिर के प्रांगण में हवन कुंड बनाकर हवन अनुष्ठान यज्ञ किया जाएगा एवं 11000 लड्डुओं का
महाभोग लगाकर भक्तों के बीच वितरित किया जाएगा। विद्युत साज से संपूर्ण मंदिर परिसर को सजाया जा रहा है एवं कोलकाता के कारीगर मंदिर को सजाने में दिन-रात लगे हुए हैं। पूरे हरमू रोड में रामलला के फ्लेक्स लगाए गए हैं एवं मंदिर के बाहर बड़ा फ्लेक्स लगाया गया है। इस दिन भक्तों के लिए एलईडी स्क्रीन में लाइव प्रसारण सुबह से ही चलता रहेगा जो देर रात्रि तक चलेगा। सभी भक्त हवन यज्ञ में आहुति देकर महाप्रसाद ग्रहण कर सकेंगे।
85वां सुंदरकांड पाठ
और मनोरथ जो कोई लावे सोई अमित जीवन फल पावे, चारों युग प्रताप तुम्हारा है प्रसिद्ध जगत उजियारा के सुरताल से हरमू रोड का श्री श्याम मंदिर गूंज रहा था। अवसर था 85वां श्री सुंदरकांड श्री हनुमान चालीसा के संगीतमय पाठ का। डॉ श्याम सुंदर नारनौली, गिरिजा नारनौली, विष्णु नर्नोली, सरोज नारनौली, डॉक्टर आदित्य, डॉक्टर दिशा, अभिषेक, प्राची नारनौली ने परिवार संग हनुमान जी महाराज की दिव्य अखंड पावन ज्योति प्रज्वलित करके सवामनी का महाप्रसाद अर्पित किया। इसके बाद केसरिया पेड़ा गुड़ चना फल का प्रसाद अर्पित की। श्री गणेश वंदना करके हनुमान चालीसा का पाठ किया गया। पाठ वाचक मनीष सारस्वत ओम शर्मा ने अपने सहयोगियों के साथ ढोलक डफली झांझ करताल के सुरताल के साथ श्री सुंदरकांड का पाठ प्रारंभ किया। मंदिर परिसर में उपस्थित सैकड़ो भक्तों ने भक्ति भाव से सामूहिक रूप से पाठ किया। पाठ के मध्य में भजनों का गायन भी किया गया। बजरंगबली की जय जयकारों से हरमू रोड गूंज रहा था। पाठ के समापन के बाद श्री हनुमान चालीसा का संगीतमय संकीर्तन करके महाआरती की गई। सभी भक्तजनों को केसरिया पेड़ा चना गुड़ संतरा फल व नारियल का प्रसाद वितरित किया गया। इस अवसर पर मंडल के अध्यक्ष सुरेश सरावगी, महामंत्री विश्वनाथ नारसरिया, श्रवण ढानढनिया, स्नेह पोद्दार, श्याम सुंदर जोशी आदि उपस्थित थे।