RANCHI : रांची यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स के लिए गुड न्यूज है। अगर वे किन्हीं वजहों से अंडर ग्रेजुएट व पोस्ट ग्रेजुएट एग्जाम नहीं दे पाएं हैं, तो चिंता की कोई बात नहीं। वे उसी सेशन की परीक्षा देने के लिए आवेदन कर सकते हैं। लेकिन, शर्त यह भी है कि परीक्षा से वंचित रहने का सही कारण बताना होगा इसके लिए स्टूडेंट को एफिडेविट देना होगा। यह फैसला बुधवार को वीसी डॉ रमेश पांडेय की अध्यक्षता में यूनिवर्सिटी एग्जामिनेशन बोर्ड की मीटिंग में लिया गया। इस मौके पर मौके पर एग्जामिनेशन कंट्रोलर एके झा और सभी डीन मौजूद थे।
बताना होगा जायज कारण
यूनिवर्सिटी के मुताबिक, किसी तरह का हादसा, दुर्घटना या आकस्मिक घटना होने की वजह से कोई परीक्षार्थी परीक्षा नहीं दे पाता है तो उसे एग्जाम देने की अनुमति दी जाएगी। एग्जामिनेशन बोर्ड ने बीए और बीकॉम पार्ट वन एग्जाम में शामिल नहीं होने वाले दस से ज्यादा स्टूडेंट्स के लिए फिर से परीक्षा लिए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। विशेष परीक्षा की तिथि बाद में जारी की जाएगी। इस परीक्षा के लिए स्टूडेंट्स को एफिडेविट देना होगा।
प्रमोटेड स्टूडेंट्स के लिए होगा एग्जाम
पीजी केमिस्ट्री की छात्रा मनीषा और पीजी उर्दू की छात्रा सुनवा खातून को परीक्षा बोर्ड ने फिर से परीक्षा में बैठने की अनुमति दी है। दोनों ही छात्रा एक-एक सब्जेक्ट में प्रमोट हुईं थी। विभागीय गलती की वजह से दोनों ही छात्राओं का परीक्षा फॉर्म एक्सेप्ट कर लिया गया था, हालांकि परीक्षा विभाग ने एडमिट कार्ड जारी नहीं किया था। इसके बाद दोनों छात्राओं ने परीक्षा देने की गुहार लगाई थी। आरयू के पीआरओ पीके झा ने बताया कि चार साल तक पीजी में एक पेपर में प्रमोटेड स्टूडेंट्स को सिर्फ एक बार परीक्षा देने का मौका दिया जाएगा।
रिकॉर्ड गायब, जांच के बाद मिलेगी डिग्री
1984 में मैथ्स ऑनर्स पास आनंद मिश्रा का रिकॉर्ड रांची यूनिवर्सिटी में नहीं है। आनंद मिश्रा ने रांची यूनिवर्सिटी के पास डिग्री देने का एप्लीकेशन जमा किया है। लेकिन उनका रिकॉर्ड नहीं मिल रहा है। आरयू के पीआरओ ने बताया कि परीक्षा बोर्ड ने निर्णय लिया है कि प्रोविजनल और मार्क्सशीट की जांच के बाद उन्हें डिग्री दी जाएगी।
19 छात्रों की डिग्री पर मुहर
परीक्षा बोर्ड ने पीएचडी के 19 छात्रों को डिग्री देने पर सहमति दी है। पीएचडी के विभिन्न विषयों के छात्र हैं।