रांची(ब्यूरो)। सैनिक मार्केट के दुकानदारों को अब राहत मिली है। उनकी दुकानों को अभी खाली नहीं करना होगा। पहले ही हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी, अब राज्यपाल ने भी कहा है कि जब सब कुछ ठीक चल रहा है तो इसे तोडऩे की क्या जरूरत है। झारखंड हाइकोर्ट ने रांची एसडीओ के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसके तहत बकाया किराया नहीं देने पर सैनिक मार्केट से दुकान खाली करने को कहा गया है। एसडीओ के इस आदेश के बाद से वहां के दुकानदार जो वर्षों से अपनी जीविका चला रहे हंैं, वो काफी डर गए थे।
दुकान खाली करने को कहा था
सैनिक निदेशालय ने किराया भुगतान करने का निर्देश दिया था। इसके बाद निदेशालय ने एसडीओ कोर्ट में इस संबंध में वाद दायर किया। इस पर सुनवाई करते हुए एसडीओ ने सभी दुकानदारों को 16 जुलाई तक दुकान खाली करने का निर्देश दिया था और 22 जुलाई तक संबंधित मजिस्ट्रेट से रिपोर्ट मांगी थी। एसडीओ कोर्ट के आदेश के खिलाफ दुकानदारों ने उपायुक्त की अदालत में अपील दायर की है। यह मामला उपायुक्त की अदालत में लंबित है। सुनवाई के बाद अदालत ने प्रशासन के आदेश पर रोक लगा दी।
मल्टी स्टोरी पार्किंग बननी है
मेन रोड स्थित सैनिक मार्केट को तोड़ कर पुनर्निर्माण किया जाएगा। बंद पड़े वेलफेयर सिनेमा हॉल परिसर को भी इसमें शामिल किया जाएगा। वर्तमान में पार्किंग के रूप में इस्तेमाल किये जा रहे परिसर में नया सैनिक मार्केट बनाने का फैसला किया गया है। वहीं, वर्तमान मार्केट की जगह पर मल्टी स्टोरी पार्किंग का निर्माण करने की योजना है। सैनिक मार्केट के पुनर्निर्माण की डीपीआर तैयार की जा रही है।
135 में 34 दुकानें पूर्व सैनिकों की
सैनिक मार्केट का निर्माण वर्ष 1991 में किया गया। इस मार्केट में कुल 135 दुकानें हैं। इनमें से 34 दुकानें पूर्व सैनिकों व 101 दुकानें आम लोगों को आवंटित हैं। सैनिक मार्केट का संचालन सैनिक कल्याण निदेशालय के माध्यम से किया जाता है। निदेशालय को दुकानों से हर माह 2.25 लाख और सालाना 27 लाख रुपये की आमदनी होती है। यह राशि भूतपूर्व सैनिकों के कल्याण में खर्च की जाती है। जुडको द्वारा मार्केट का पुनर्निर्माण करने के बाद भी संचालन सैनिक कल्याण निदेशालय के ही जिम्मे रहेगा।
चर्च कांप्लेक्स के सामने होना है निर्माण
चर्च कांप्लेक्स के सामने एक मल्टी स्टोरी मार्केट कांप्लेक्स बनाने के लिए जुडको तैयारी कर रही है। शहर का सबसे चर्चित मार्केट कांप्लेक्स के सामने एक मार्केट बनाने की योजना है। इसका मकसद है कि जितनी दुकानें वहां बनाई जाएंगी, उससे रेवेन्यू भी अच्छा खास मिलेगा, क्योंकि मेन रोड में दुकानों की कीमत बहुत अधिक रहती है, इससे किराया भी अच्छा-खासा मिलेगा।