रांची(ब्यूरो)। अपराधियों से निपटने के लिए झारखंड पुलिस आधुनिकीकरण की ओर बढ़ रही है। अब थानों की जर्जर गाडिय़ां भी बदली जाएंगी। उनकी जगह नए वाहन खरीदे जाएंगे। जिन जर्जर गाडिय़ों की नीलामी हो चुकी है, उसकी जगह भी नई गाडिय़ों की खरीद होगी, ताकि पुलिस का काम प्रभावित न हो। पुलिस मुख्यालय ने इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया है। जल्द ही झारखंड पुलिस के मॉडर्नाइजेशन का काम शुरू होगा। इस पर करोड़ों रुपए खर्च किए जाएंगे। दरअसल केंद्र द्वारा प्रायोजित एक्सीटेंडेड स्पेशल इन्फ्रास्ट्रक्चर स्कीम (एसआईएस) के तहत झारखंड पुलिस मॉडर्नाइजेशन कराने का निर्णय ली है। इस काम में करीब 181 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इस पर प्रशासन की ओर से भी अनुमति मिल गई है। योजना के तहत सात फोर्टिफाइड पुलिस स्टेशन (कीलाबंद थाना) पर 17 करोड़, जिला पुलिस को 120 करोड़ 62 लाख, झारखंड जगुआर को 39 करोड़ 31 लाख रुपए आधुनिकीकरण के लिए दिए जाएंगे। वहीं स्पेशल इंटेलीजेंस ब्रांच को चार करोड़ 30 लाख दिए जाएंगे। पुलिस की आधुनिकीकरण के तहत इस राशि को पुलिस विभाग का बिल्डिंग निर्माण, प्रशासनिक व्यय और आपूर्ति, हथियार व गोला बारूद की खरीद की जाएगी। साथ ही 80 नए पुलिस वाहन भी खरीदे जाएंगे।
कंट्रोलिंग डीजीपी के जिम्मे
पुलिस मॉडर्नाइजेशन को लेकर गृह विभाग ने प्रधान महालेखाकार को पत्र लिखा है, जिसमें कहा गया है कि एसआइएस योजना के तहत वर्ष 2022-26 के लिए 60 प्रतिशत राशि केंद्र और 40 प्रतिशत राशि राज्य सरकार वहन करेगी। केंद्र की तरफ से योजना मद की राशि तीन चरणों में दी जाएगी। रांची एसएसपी को इसके लिए डिस्पोजल अधिकारी बनाया गया है। बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन से जुड़ी राशि की निकासी और इसे खर्च एसएसपी ही करेंगे। टे्रजरी से राशि की निकासी कर उसे झारखंड पुलिस हाउसिंग निगम को ट्रांसफर किया जाएगा। डीजीपी पूरी योजना के कंट्रोलर होंगे। वे समय-समय पर योजना की भौतिक के साथ प्रगति की समीक्षा करेंगे।
सात फोर्टिफाइड पुलिस स्टेशन बनेंगे
जिस राशि को जिस काम के लिए निकाला जाएगा उसे उसी काम में खर्च करना होगा। इसकी मॉनिटरिंग स्वयं डीजीपी करेंगे। राशि का सही जगह और समय पर खर्च हो इसका ध्यान रखना भी जरूरी होगा। किसी प्रकार की अवैध निकासी का उत्तरदायित्व निकासी व व्ययन पदाधिकारी की होगी। इसके अलावा राज्य के तीन नक्सल प्रभावित जिले चाईबासा, पलामू व खूंटी में सात फोर्टिफाइड पुलिस स्टेशन (कीलाबंद थाना) के भवनों का निर्माण कराया जाएगा। इस पर 17 करोड़ 48 लाख रुपए खर्च होंगे। चाईबासा में तीन, पलामू में दो व खूंटी में दो फोर्टिफाइड पुलिस स्टेशन बनाए जाने हैं। तकरीबन सभी पुलिस स्टेशन पर लगभग 2.49 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि खर्च होगी।
पुलिस सिस्टम की स्थिति खराब
फिलहाल राजधानी रांची समेत पूरे स्टेट में पुलिस संसाधन की स्थिति कुछ खास नहीं है। बिल्डिंग से लेकर पुलिस व्हीकल, ऑम्र्स, गोले आदि पर्याप्त संख्या में नहीं हैं। सिटी में आज भी कई ऐसे पुलिस स्टेशन हैं जिनकी खुद की बिल्डिंग भी नहीं है। किराये पर पुलिस स्टेशन संचालित हो रहे हैं। वहीं हिंदपीढ़ी, सुखदेव नगर, धुर्वा, गोंदा समेत अन्य सभी पुलिस स्टेशनों का हाल खस्ता है। पीसीआर वाहन चलते-चलते सड़क पर ही बंद हो जाता है, जिसे ठीक कराने में कई महीने लग जाते हैं। हालांकि सबसे बड़ी समस्या जवानों की है। मैन पॉवर की कमी के कारण पुलिस स्टेशन में पर्याप्त जवान नहीं हैं।
पुराने थाना भवन का होगा मेकओवर
पुलिस आधुनिकीकरण से संबंधित प्रोजेक्ट के तहत ही जर्जर थाना भवन का निर्माण कार्य भी है। नई सरकार बनने के बाद से ही पुलिस के नए भवनों का निर्माण कार्य ठप पड़ा हुआ है। इन भवनों का निर्माण पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड के अधीन होता है। ऐसे सैकड़ों पुराने जर्जर भवन आज भी कायाकल्प का इंतजार कर रहे हैं। रांची शहरी क्षेत्र में ही सदर, हिदपीढ़ी, डेलीमार्केट, सुखदेवनगर, पंडरा, बरियातू थाना भवन अब भी जर्जर हालत में हैं। भूमि रहते हुए इन थानों का निर्माण नहीं हो पा रहा है।