रांची(ब्यूरो)। देश के अन्य राज्यों की तरह रांची में भी फार्मा पार्क बनाने की योजना सरकार ने तैयार की, जहां एक ही जगह पर अलग-अलग कंपनियों को दवा बनाने के लिए जगह उपलब्ध कराने की योजना थी। लेकिन पांच साल से अधिक हो गया, यह योजना कागजों पर ही चल रही है। इसके लिए रांची के चान्हो प्रखंड स्थित बरहे गांव में 50 एकड़ भूमि भी चयनित की गयी है। वहां औद्योगिक क्षेत्र विकसित कर फार्मा उद्योग लगाने की योजना है। लेकिन यह योजना कई सालों से कागजों पर ही चल रही है।

पार्क में 4 तरह के प्लॉट

फ ार्मा पार्क में दवा कंपनियों को प्लॉट आवंटित करने की योजना है। इसमें माइक्रो के लिए 29, स्मॉल के लिए 14, मीडियम के लिए सात और लार्ज कंपनी के लिए चार प्लॉट चिन्हित किए गए हैं। इसके अलावा फार्मा पार्क में सड़क, बैंक, पोस्ट ऑफिस, प्रशासनिक भवन, कैंटीन, क्रेच की व्यवस्था भी होगी। प्रस्तावित पार्क में 1.59 एकड़ में ओपन स्पेस छोड़ा गया है, वहां दवा बनाने, रिसर्च करने, नई दवा की खोज करने, क्लिनिकल डाटा मैनेजमेंट की व्यवस्था भी होगी।

दवा बनाने वालों को छूट

फार्मा पार्क में दवा निर्माताओं को उद्योग लगाने पर कई तरह की छूट का प्रावधान राज्य सरकार की ओर से किया गया है। इसमें परियोजना निवेश पर 20 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाएगी। स्टांप ड्यूटी व रजिस्ट्रेशन पर 100 प्रतिशत की छूट, क्वालिटी सर्टिफिकेशन पर 10 लाख रुपए तक की सहायता देने का प्रावधान किया गया है। पेटेंट रजिस्ट्रेशन कराने पर भी 10 लाख रुपए तक की छूट दी जाएगी। इसके अलावा जीएसटी अनुदान के रूप में 75 से 80 प्रतिशत तक की छूट के साथ पांच फीसदी इंटरेस्ट सब्सिडी भी दी जाएगी।

2025 तक होना है तैयार

हिमाचल, देहरादून और हरियाणा में जो दवाइयां बनती हैं वो झारखंड के रांची में भी बनेंगी। रांची सहित राज्यभर में जितनी भी फार्मास्यूटिकल कंपनियों की दवाई दूसरे राज्यों से बनकर आती हैं वो अब रांची में ही बनेंगी। 2025 तक रांची का फार्मा पार्क बनकर तैयार हो जाना है, जहां बड़ी-बड़ी ब्रांडेड कंपनियां अपना प्रोडक्शन करेंगी। इसके लिए झारखंड सरकार ने कंपनियों को इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराने की योजना बनाई है।

जानें देश में दवा निर्माण में झारखंड की हिस्सेदारी

दवा के कारोबार में लगातार हो रही वृद्धि के मद्देनजर राज्य सरकार फार्मा पार्क का निर्माण कर रही है। फि लहाल, पूरे देश के दवा के कारोबार में झारखंड की हिस्सेदारी केवल एक प्रतिशत है। वहीं, पूर्वी भारत में झारखंड की हिस्सेदारी पांच प्रतिशत तक है। झारखंड में दवा कारोबार में एंटी डायबिटिक दवा के मार्केट में ग्रोथ रेट 25 प्रतिशत तक है। एंटी इंफेक्शन का ग्रोथ रेट 12 प्रतिशत, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल का 17 प्रतिशत, कार्डियक का 18 प्रतिशत, रेस्पाइरेटरी का 11 प्रतिशत, पेन का 16 प्रतिशत, विटामिन, न्यूरो और गायनिक का 13-13 प्रतिशत तथा डर्मा का ग्रोथ रेट 14 प्रतिशत तक है।