रांची(ब्यूरो)। टीबी, पोलियो को हरा दिया, मच्छर से हार रहे हैं। जी हां, सिटी में मच्छरों को मारने के लिए रांची नगर निगम हर साल 50 लाख रुपए फॉगिंग पर खर्च कर रहा है। इसके बाद भी मच्छरों का आतंक कम नहीं हो रहा है। मच्छरजनित बीमारियां डेंगू से सिटी के लोग आक्रांत हैं। बता दें कि मच्छरों की रोकथाम को लेकर रांची नगर निगम आठ टीमों का गठन कर शहर में फॉगिंग करा रहा है। लेकिन, सच्चाई यही है कि फॉगिंग के नाम पर सिर्फ आईवॉश किया जा रहा है। वीवीआइपी इलाकों में तो नियमित रूप से फॉगिंग हो रही है, लेकिन अन्य मोहल्लों में फॉगिंग नहीं हो रही है। इससे लोग काफी परेशान हैं।
जानें क्या है आदेश
जिन मोहल्लों में फॉगिंग नहीं हो रही है, वहां के लोगों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है। सुबह छह से 10 बजे तक केमिकल का छिड़काव, शाम पांच से नौ बजे तक फॉगिंग की जाएगी। जारी आदेश के मुताबिक, चिन्हित वार्ड में सुबह छह से 10 बजे तक लार्विसाइडल केमिकल का छिड़काव किया जाएगा। वहीं, शाम पांच से नौ बजे तक फॉगिंग की जाएगी।
क्या है नगर निगम का दावा
रांची में इन दिनों डेंगू और चिकनगुनिया के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं। वहीं, इसको देखते हुए रांची नगर निगम का दावा है कि सभी वार्डों में फॉगिंग के साथ मच्छर जनित लार्वा को नष्ट करने के लिए छिड़काव किया जा रहा है। मलेरिया और डेंगू की रोकथाम को लेकर नगर निगम व स्वास्थ्य विभाग की टीम डोर-टू-डोर विजिट कर रही है। सभी वार्डों में कोल्ड फॉगिंग और लार्वा साईट व टेमीफास केमिकल का छिड़काव किया जा रहा है, ताकि मच्छरों के लार्वा को नष्ट किया जा सके। इसके लिए रांची नगर निगम के पास कुल 27 मशीन हैं। कोल्ड फॉगिंग मशीन के अलावा टाटा एस वाहन पर सिंटेक्स की टंकी से मशीन को फिट कर सभी वार्डों में रोस्टर के आधार पर मच्छरों के लार्वा को नष्ट करने के लिए केमिकल का छिड़काव किया जा रहा है। इसके अलावा प्रत्येक वार्ड में 4-4 हैंड स्प्रे मशीन भी उपलब्ध कराई गई हैं। रांची नगर निगम व स्वास्थ्य विभाग की टीम डोर-टू-डोर विजिट कर जलजमाव की जांच कर रही है।
कम उम्र के बच्चे भी बीमार
एक आंकड़े के मुताबिक, डेंगू के 34 प्रतिशत एवं चिकनगुनिया के 29 प्रतिशत मरीजों की उम्र 0 से 15 वर्ष तक है। स्वास्थ्य विभाग ने इसे लेकर पहले ही अलर्ट जारी किया था। राज्य मुख्यालय ने सभी जिलों के सिविल सर्जन को पत्र लिखकर डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया के मामलों पर नजर रखने और सभी सरकारी अस्पतालों में इन बीमारियों के इलाज के लिए समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा था। राज्य के सबसे बड़े हॉस्पिटल रिम्स में डेंगू के आइसोलेशन वार्ड में मरीजों का इलाज किया जा रहा है।
पिछले साल सबसे अधिक मरीज मिले थे
वर्ष 2023 में झारखंड में डेंगू मरीजों की बढ़ती संख्या ने पिछले चार सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया था। पिछले साल डेंगू के 1534 नए मरीज मिले थे।
रांची में डेंगू-चिकुनगुनिया के सबसे अधिक मरीज
साल मरीज मौत
1. 2018 463 01
2. 2019 825 00
3. 2020 79 00
4. 2021 220 01
5. 2022 290 00
6. 2023 1,534 06

प्लेटलेट्स की बढ़ी थी मांग
डेंगू-चिकगुनिया के मामले को देखते हुए राजधानी रांची में प्लेटलेट्स की मांग पिछले साल बढ़ गई थी। हर दिन लगभग 10 यूनिट प्लेटलेट्स की जरूरत राजधानी रांची को हो रही थी। आंकड़ों के मुताबिक जुलाई में जहां प्लेटलेट्स की जरूरत 96 यूनिट थी वो अगस्त में 252 यूनिट हो गई। वहीं, मरीजों की संख्या की बात करें तो सिर्फ रिम्स में ही मच्छर जनित बीमारियों के रोज 10 मरीज ओपीडी में इलाज के लिए पहुंच रहे थे।
रिम्स, सदर में सेपरेट व्यवस्था
मच्छर जनित बीमारियों को देखते हुए राजधानी रांची के सरकारी अस्पतालों में अलग और विशेष व्यवस्था की गई है। रिम्स और सदर अस्पताल में डेंगू पीडि़त मरीजों के इलाज के लिए अलग से व्यवस्था की गई है। रिम्स में जहां 50 बेड की व्यवस्था है, वहीं सदर अस्पताल में 36 बेड की व्यवस्था की गई है। साथ ही डेंगू से बचाव के लिए वेक्टर जनित रोग राज्य कार्यक्रम की ओर से जिलों को गाइडलाइन जारी कर दी गई है। टीम घर-घर जाकर मच्छरों के लार्वा भी नष्ट कर रही है।
क्या कह रहा नगर निगम
शहर के सभी 53 वार्डों में डोर टू डोर अभियान चलाने को कहा गया है, जिन वार्डों में सबसे अधिक लोगों की तबीयत खराब होने की शिकायत मिल रही है, वहां जाकर घरों की जांच करने के आदेश हैं। अगर डेंगू का लार्वा मिलता है, तो उसे नष्ट करने के लिए सघन अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं। लार्वा की जांच करने के लिए नगर निगम ने 10 टीमों का गठन किया है। इसके अतिरिक्त लार्वा से निजात के लिए केमिकल का छिड़काव व फॉगिंग के लिए 212 कर्मियों को लगाया गया है। राज्य मुख्यालय ने सभी जिलों के सिविल सर्जनों को डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया के मामलों पर नजर रखने और सभी सरकारी अस्पतालों में इन बीमारियों के इलाज के लिए व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा है।
इस साल अब तक 76 मरीज
मानसून सीजन में झारखंड में डेंगू और मलेरिया का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। रांची, जमशेदपुर, खूंटी, हजारीबाग, धनबाद, पलामू और गढ़वा जिले में तकरीबन 100 लोग इसकी चपेट में हैं। सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों का इलाज चल रहा है। डेंगू और मलेरिया के पांव पसारने की सूचना मिलने पर स्वास्थ्य विभाग भी बढ़ते मरीजों की संख्या को लेकर गंभीर है और अलर्ट मोड में आ गया है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष अब तक 76 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। इनमें से कई लोग इलाज के बाद स्वस्थ भी हो चुके हैं। रांची स्थित मेडिकल कॉलेज रिम्स और सदर अस्पताल में 28 मरीज डेंगू-मलेरिया के मिलते-जुलते लक्षणों के चलते भर्ती हुए है।
रातू में दो दर्जन से ज्यादा बीमार, खूंटी में युवक की मौत
रांची में रातू प्रखंड के पिर्रा इलाके में 24 से ज्यादा लोगों के बीमार होने की सूचना है। खूंटी में भी सदर अस्पताल में करीब दो दर्जन लोग इलाज के लिए पहुंचे, जिनमें से कई को हायर सेंटर रेफर किया गया। नौ लोगों का इलाज अस्पताल में चल रहा है। यहां एक युवक की मौत भी हुई है। जमशेदपुर में अब तक आठ मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। यहां जिला प्रशासन के निर्देश पर गठित सर्विलांस टीमें डेंगू की जांच के अभियान में जुटी हुई हैं। अब तक 60 हजार से ज्यादा घरों में जांच की जा चुकी है, जिसमें से 360 घरों में डेंगू के लार्वा मिले हैं। यहां मच्छर रोधी दवाइयों का छिड़काव किया गया है।

रोस्टर के अनुसार हर इलाके में फागिंग की जा रही है। रांची नगर निगम द्वारा फागिंग के लिए रोस्टर जारी किया गया है। जिस इलाके के लोगों को लगता है कि उनके इलाके में फॉगिंग नहीं हो रही है, निगम को सूचना दे सकते हैं। उनके सामने ही निगम की टीम फॉगिंग करेगी।
-रविंद्र कुमार, सहायक प्रशासक, रांची नगर निगम