Equipped with LHB coach
नए लुक वाली इस राजधानी एक्सप्रेस में जर्मन टेक्निक पर बेस्ड लिंक हॉफमैन बुश (एलएचबी) कोच लगाए गए हैं। इसकी खासियत यह होती है कि यह पूरी तरह से स्टेनलेस स्टील के बनाए होते हैं, जिसमें फायर रिटार्डेंट मटेरियल्स और एंटी-टेलीस्कोपिक होते हैं। इसके कारण इस ट्रेन में न तो आग लग सकती है और न ही एक्सीडेंट या पटरी से ट्रेन के उतरने पर इसकी बोगियां पलट सकती हैं। इस टे्रन में दो बोगियों को कनेक्ट करने के लिए ऑटोमेटिक कपलर्स लगे हुए हैं। इस ट्रेन की खासियत यह भी है कि इसमें कोच में स्पेस भी पहले से ज्यादा है। इस ट्रेन की खिड़कियां भी अब पहले से अधिक बड़ी हैं, जिससे बाहर का नजारा अच्छे से देखा जा सकेगा।
Accident की कम है संभावना
इस नई राजधानी एक्सप्रेस की मैक्सिमम स्पीड 200 किमी प्रति घंटा है। इसमें डिस्क बे्रक सिस्टम लगाया गया है, जिससे इसमें एक्सीडेंट की संभावना कम हो गई है। इसमें फिएट टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है। इसके अलावा इस टे्रन में स्टेनलेस स्टील से बनाए हुए कंट्रोल डिस्चार्ज टॉयलेट्स हैं, जो टेक्नोलॉजी पर काम करते हैं। अगर ट्रेन स्टेशन पर खड़ी रहेगी, तो टॉयलेट्स बंद रहेंगे। लेकिन जैसे ही ट्रेन की स्पीड 30 किमी प्रति घंटा होगी, वैसे ही टॉयलेट्स खुल जाएंगे। टॉयलेट रूम में वॉश बेसिन भी स्टेनलेस स्टील का है। इसमें ग्लास भी अलग तरीके से लगाया गया है।
अब नहीं होगा शोर
राजधानी एक्सप्रेस से ट्रैवेल करनेवाले पैसेंजर्स को अब इसमें जर्नी के दौरान ट्रेन की होर्स वॉइस सुनने से निजात मिल जाएगी। इसके एलएचबी कोच में साउंड का लेवल हार्डली 60 डेसीबल का है। इसके साथ ही इस ट्रेन में पैंट्री के लिए हर बोगी में अलग से अरेंजमेंट है। वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम को इस ट्रेन में अच्छे से इम्प्लीमेंट किया गया है। हर बोगी में वेस्ट कलेक्ट करने के लिए वेस्ट कलेक्शन सेंटर बनाया गया है। हर बोगी में कंट्रोल पैनल लगाए गए हैं, जो ट्रेन के बारे में कम्प्लीट इनफॉर्मेशन पैसेंजर्स को प्रोवाइड कराते हैं। इस ट्रेन का कोच कपूरथला रेल कारखाने में बना है।