रांची (ब्यूरो) । पंजाबी समाज द्वारा बुधवार को कृष्णा नगर कॉलोनी स्थित श्री राधा कृष्ण मंदिर के हॉल में विभाजन विभीषिका दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, भाजपा के प्रदेश संगठन मंत्री कर्मवीर सिंह एवं भाजपा महानगर अध्यक्ष वरुण साहू द्वारा संयुक्त रूप से कार्यक्रम की शुरूआत की। विभाजन की यादें साझा करते हुए समाज के वयोवृद्ध नागरिक मुखी राधेश्याम किंगर ने विभाजन के समय के दृश्य को खतरनाक मंजर बताते हुए कहा कि कायमपुर में हम रहते थे, आज भी वह खौफनाक यादें जहन में ताजा हंै जो हमने अपनी खुली आंखों से देखा था, बस जान बचाकर किसी तरह वहां से निकलना था।
दर्द बयां कर भावुक हुए
उन्होंने बताया कि एक अंग्रेज अफसर जिनका नाम मून था उनकी मदद से हम सब सकुशल निकलने में कामयाब हुए और रेल मार्ग से लाहौर से चलकर अमृतसर तक पहुंचे। बीआर मग्गो तो विभाजन का दर्द बयां करते-करते अधिक भावुक हो गए और मंच पर ही सिरक सिरक कर रोने लगे। मुख्य अतिथि बाबूलाल मरांडी ने भाजपा की केंद्र सरकार द्वारा आज के दिन को विभाजन विभीषिका दिवस मनाए जाने के फैसले की प्रशंसा करते हुए वहां पर उपस्थित पंजाबी समाज के लोगों से इसे हर वर्ष 14 अगस्त के दिन ही मनाने का आह्वान किया और इसे इसलिए जरूरी बताया ताकि आज के युवा को भी विभाजन की विभीषिका की जानकारी हो और वह इससे प्रेरणा लेकर और मजबूत बन सकें। मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के गोविंद नगर प्रभारी डॉक्टर सतीश मिढ़ा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हमारे बुजुर्गों ने विभाजन का दंश झेला और किसी तरह अपनी जान बचाकर भारत के विभिन्न हिस्सों में आकर बस गए।
योगदान दे रहा समाज
खाली हाथ होने के बावजूद उनकी हिम्मत और जज्बा था कि आज पूरा पंजाबी समाज अपने पैरों पर खड़ा है और शहर, रा'य और देश के विकास में अपना संपूर्ण योगदान दे रहा है। मौके पर विभीषिका से जुड़ी तस्वीरों की प्रदर्शनी भी लगाई गई। कार्यक्रम में हरविंदर सिंह बेदी, कुणाल आजमानी, रमेश सिंह, नंदकिशोर अरोड़ा, गुरविंदर सिंह सेठी, द्वारका दास मुंजाल, मनोहर लाल जसूजा, हरगोविंद सिंह, रामचंद्र तलेजा, हरविंदर सिंह लाली, ललित किंगर, संदीप नागपाल, विनोद किंगर, केसर पपनेजा समेत अन्य मौजूद थे।