RANCHI: राजधानी में शराब दुकानों पर जमावड़ा के खिलाफ लोगों का गुस्सा फूटने लगा है। इसकी बानगी पिछले दिन हरमू रोड किशोरगंज में देखने को मिली, जहां महिलाओं ने हल्ला बोलकर दुकान बंद करा दी। इसके बाद पुलिस पहुंची और आक्रोशित महिलाओं को आश्वासन दिया कि दुकान के पास शराबियों का जमावड़ा नहीं होने दिया जाएगा। इसके बाद मामला शांत हुआ। महिलाओं ने कहा कि शराब दुकानों में जमावड़ा के कारण आसपास के लोगों का रहना मुश्किल हो गया है। आये दिन हो रहे सड़क जाम और शराबियों के हंगामे के कारण परेशानी बढ़ गई है।

दुकानों पर लाइन, रोड जाम

इन दुकानों के खुलने और बंद होने का समय तय है। इस वजह से यहां शराब और बियर की बोतलें खरीदने के लिए लंबी लाइन लग रही है। नतीजन, कभी सड़क जाम हो जाती है तो कभी मरीज को लेकर जा रही एम्बुलेंस फंस रही है। जाम में स्कूली बसें भी फंस रहे हैं। इस कारण भूखे-प्यासे बच्चों की दिक्कतें बढ़ गई हैं।

दुकानों के सामने की बदली तस्वीर

प्रदेश में शराब पर सरकार का नियंत्रण होते ही पूरी तस्वीर ही बदल गई। एक तरफ शाम होते ही लोग दुकानों की चौखट पर खड़े होकर हंगामा करने लगते हैं, वहीं पुलिस के आते ही बकायदा लाइन लग जाती है। यह नजारा राजधानी के तकरीबन हर शराब दुकान के बाहर देखने को मिला रहा है। शराब खरीदने के लिए लोगों को काफ मशक्कत करनी पड़ती है, कई बार नौबत मारपीट तक की आ जाती है।

शहर में सिर्फ पांच दुकानें

दरअसल, पहले राजधानी के शहरी इलाके में हर एरिया में अमूमन दस शराब दुकानें होती थी, लेकिन एक अगस्त से सरकार खुद शराब दुकानों का संचालन कर रही है। ऐसे में अब पूरे रांची शहर में मात्र पांच दुकानें हैं। इन्हीं दुकानों पर शराब बिक रही है। मेन रोड, चुटिया, हरमू, बिरसा चौक व बरियातू में सिर्फ पांच दुकानें चल रही हैं। वहीं, क्0 दुकानें रूरल एरियाज में हैं। इनमें तुको, डकरा, पकरियो, ठाकुरगांव, पिठौरिया, नगड़ी, टाटी सिलवे, सिल्ली, हेसातू और सोनाहातू आदि इलाके शामिल हैं।