रांची(ब्यूरो)। राजधानी रांची में आए दिन यह सूचना आती है कि फुल लोड बिजली मिलने के बावजूद बिजली गुल है। यह परेशानी शहर में ट्रांसफार्मर खराब होने के कारण होता है। इस परेशानी को देखते हुए झारखंड बिजली वितरण निगम ने शहर में नए ट्रांसफार्मर लगाने का काम शुरू कर दिया है, ताकि शहर के लोगों को बिजली कि किल्लत नहीं हो। इसको लेकर पहले फेज में रांची शहर में नौ जगहों पर नए ट्रांसफार्मर लगाए गए हैं। अब दूसरे जगहों पर भी लगाए जाएंगे।
500 केवीए के 9 ट्रांसफार्मर लगे
झारखंड बिजली वितरण निगम ने काम करना शुरू कर दिया है। ओवरलोडेड ट्रांसफ ार्मर को बदला जा रहा है। पहले चरण में रांची के नौ जगहों पर 500 केवीए का नया ट्रांसफ ार्मर लगाया गया है। इसमें गढ़ा टोली, शांति नगर कोकर, शिवाजी नगर, बडग़ाई, चूना भट्ठा कोकर, इमाम कोठी, कोकर, अलीनगर बरियातू, लोअर चुटिया और कृष्णापुरी चुटिया के ट्रांसफ ार्मर को बदला गया है, आगे शहर के दूसरी जगहों पर भी नए ट्रांसफ ॉर्मर लगाए जाएंगे।
यहां लगाए गए ट्रांसफार्मर
गढ़ा टोली, शांति नगर कोकर, शिवाजी नगर, बडग़ाई, चूना भट्टा कोकर, इमाम कोठी, कोकर, अलीनगर बरियातू, लोअर चुटिया और कृष्णा पुरी चुटिया के ट्रांसफ ार्मर को बदल गया
20 दिन में 120 ट्रांसफार्मर जले
इस साल प्रचंड गर्मी में एसी, कूलर, पानी मोटर ज्यादा चलने से एकाएक अत्यधिक लोड बढऩे से अपेक्षाकृत कम क्षमता होने के कारण ज्यादातर ट्रांसफॉर्मर जल गए। बिजली विभाग से प्राप्त आंकड़े के अनुसार, शहर में 20 दिनों के दौरान 120 ट्रांसफ ार्मर जल गए। ट्रांसफ ार्मर जलने की समस्या लोड बढऩे से हुई थी।
बिजली लोड की नहीं देते सही जानकारी
उपभोक्ता गलत जानकारी विभाग को दे रहे हैं, जिसकी वजह से ट्रांसफार्मर उड़ रहे हैं। दो किलो वाट बिजली जला रहे हैं, लेकिन विभाग को एक किलोवाट क्षमता के इस्तेमाल की ही जानकारी दे रहे हैं। इससे ट्रांसफ ार्मर में फ्यूज उडऩे की समस्या भी लगातार बरकरार है। यही कारण है कि फुल लोड बिजली आपूर्ति के बाद भी आपूर्ति बाधित हो रही है।
9000 ट्रांसफ ार्मर हैं सिटी में
रांची शहरी क्षेत्र में वर्तमान में 9000 ट्रांसफ ार्मर लगे हुए हैं। वहीं उपभोक्ताओं की संख्या करीब 3.5 लाख है। अधिकतर घरेलू उपभोक्ताओं के घरों में एक किलो वाट से अधिक का लोड है, क्योंकि घरों में बल्ब के अलावा, टीवी, फ्र ज, वाशिंग मशीन, कूलर या एसी और पानी मोटर चलते ही हैं। कई घरों में किरायेदार हैं तो बिजली की खपत दोगुनी हो रही है।
ट्राली ट्रांसफार्मर बिना काम का
राजधानी में ट्रांसफ ार्मर जलने के बाद विभाग अपने पास सहूलियत रखते हुए भी लोगों को ट्राली ट्रांसफ ार्मर की सुविधा से महरूम रख रहा है। जले हुए स्थान पर ट्राली ट्रासंफ ार्मर नहीं लगाया जाता। इस तरह संबंधित क्षेत्र में लोग सुबह से लेकर शाम तक बिना बिजली के ही परेशानी झेलते हैं। ट्राली ट्रांसफ ार्मर का प्रयोग तब किया जाता है जब विभाग के पास ट्रांसफ ार्मर की कमी हो जाती है। ट्राली ट्रांसफार्मर के रहते हुए लोग अंधेरे में रहने को मजबूर रहते हैं।
रांची सर्किल में 12 ट्राली ट्रांसफ ार्मर
रांची सर्किल में 12 ट्राली ट्रांसफार्मर हैं, ये ट्राली ट्रांसफ ार्मर इमरजेंसी के लिए हैं। अगर, कहीं ट्रांसफ ार्मर जल जाए तो इन ट्राली ट्रांसफ ार्मर को लगा कर काम चलाया जाता है। ट्राली ट्रांसफॉर्मर इसलिए बनाए गए हैं कि अगर कहीं ट्रांसफ ार्मर की समस्या आती है तो वहां ट्राली ट्रांसफ ार्मर लगाकर बिजली चालू कर दी जाए। मगर, राजधानी में इन ट्राली ट्रांसफॉर्मरों का उपयोग नहीं हो पा रहा है। विभाग का कहना है कि ट्राली ट्रांसफॉर्मर का उपयोग वो तब करेगा जब लंबे समय बाद ट्रांसफ ार्मर बने।