RANCHI: पिछले तीन सालों से प्रभारी वीसी के भरोसे चल रहे डिफेंस यूनिवर्सिटी रांची को जल्द ही परमानेंट वीसी मिलने वाला है। इसके लिए विज्ञापन निकाला गया है, जिसमें इस पोस्ट के लिए इंटरेस्टेड कैंडिडेट्स से 30 नवंबर तक अप्लाई करने को कहा गया है। उच्च शिक्षा एवं तकनीकि विभाग की ओर से मिलिट्री, पारा मिलिट्री, पुलिस फोर्स में भारत सरकार और राज्य सरकार में काम करने वाले सैन्य अधिकारी को यूनिवर्सिटी का वाइस चांसलर बनाया जाएगा। फिलहाल नगर विकास सचिव अजय कुमार रक्षा यूनिवर्सिटी के प्रभारी वाइस चांसलर के रूप में काम कर रहे हैं।
तीन साल से प्रभार पर
रक्षा शक्ति यूनिवर्सिटी रांची का शुभारंभ 3 अक्टूबर 2016 को किया गया था। गुजरात और राजस्थान के बाद देश कीयह तीसरी रक्षा शक्ति यूनिवर्सिटी रांची में श्रीकृष्ण लोक प्रशासन संस्थान के पुराने भवन में चल रही है।
206 करोड़ में तैयार हो रहा कैंपस
इस यूनिवर्सिटी का नया भवन खूंटी के जुरडेग में 75 एकड़ भूमि में तैयार हो रहा है। यूनिवर्सिटी परिसर 206 करोड़ रुपये की लागत से विकसित हो रहा है। राज्य सरकार ने 2020 से नए कैंपस में पढ़ाई शुरू कराने का लक्ष्य तय किया है।
यूजी-पीजी कोसरें में पहली बार एडमिशन
रक्षा यूनिवर्सिटी प्रशासन ने यूजी और पीजी स्तर के तीन कोसरें की पढ़ाई 2019 में पहली बार शुरू करने का निर्णय लिया है। इसमें एमएससी इन फ ॉरेंसिक साइंस कोर्स भी है। इस कोर्स में फ ारेंसिक साइंस से ग्रेजुएट स्टूडेंट्स एडमिशन लेंगे। पीजी डिप्लोमाइन रोड ट्रैफिक मैनेजमेंट विषय की पढ़ाई की जा रही है। इस कोर्स में स्नातक किसी भी स्ट्रीम से पासआउट स्टूडेंट्स का एडमिशन लिया गया है।
इस कोर्स में हो रही पढ़ाई
कोर्स का नाम अवधि सीट
पीजी फ ॉरेंसिक साइंस दो वर्ष 25
पीजी क्रिमिनोलॉजी दो वर्ष 25
पीजी डिप्लोमा इंडस्ट्री सिक्युरिटी एक वर्ष 40
बीएससी फ ॉरेंसिक साइंस तीन वर्ष 50
बीएससी साइबर सिक्युरिटी तीन वर्ष 50
बीबीए सिक्युरिटी मैनेजमेंट तीन वर्ष 50
डिप्लोमा इन पुलिस साइंस एक वर्ष 40
सर्टिफिकेट कोर्स इन पुलिस साइंस एक वर्ष 60
टाना भगत के बच्चों के लिए पुलिस साइंस कोर्स
रक्षा यूनिवर्सिटी के सर्टिफि केट कोर्स इन पुलिस साइंस में सिर्फ टाना भगत के बच्चों का एडमिशन लिया जाएगा। एक वर्षीय कोर्स है। इसमें 60 सीटों पर एडमिशन लिया जाएगा। वार्षिक शुल्क 10 हजार रुपए है। सरकार के निर्देश पर इस कोर्स को शुरू किया गया है, जिसका उद्देश्य टाना भगत के बच्चों को रोजगार से जोड़ना है। टाना भगत के बच्चों का यह दूसरा बैच है।