रांची (ब्यूरो) । सोमवार को पब्लिक स्कूल्स एण्ड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन पासवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे ने झारखंड में निजी विद्यालयों को हो रही समस्याओं और आरटीई की कठिन शर्तों को अवगत कराने एवं निजी विद्यालयों के हित में उन्हें निरस्त करने हेतु झारखंड के शिक्षा मंत्री बैजनाथ राम से उनके आवास पर मुलाकात की तथा शिक्षा मंत्री बैजनाथ राम को गैर मान्यता प्राप्त निजी विज्ञानियों को मान्यता देने हेतु जमीन की बाध्यता समाप्त करना एवं पिछली सरकार द्वारा 2019 में लागू आरटीई कानून निरस्त करने के संदर्भ में एक ज्ञापन सौंपा। शिक्षा मंत्री ने पासवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष से इस विषय पर विस्तृत चर्चा की। मौके पर शिक्षा मंत्री ने यह विश्वास दिलाया कि सरकार इस बात का विशेष ध्यान रखेगी की झारखंड में निजी विद्यालयों के संचालन हेतु कोई समस्या ना हो इसके लिए सरकार कोई न कोई कदम जरूर उठाएगी।

विकास को लेकर संजीदा

उन्होंने पब्लिक स्कूल्स एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष को बताया कि झारखंड में सरकार शिक्षा के विकास को लेकर बहुत ही संजीदा है और निश्चित रूप से निजी विद्यालयों के राह में आने वाली रूकावटों को दूर करने का प्रयास किया जाएगा। जमीन की बाध्यता के विषय पर विशेष चर्चा हुई और शिक्षा मंत्री ने इस बात से सहमति जताई कि वर्तमान स्थिति में जमीन संबंधी कानून में संशोधन अनिवार्य है। आलोक कुमार दूबे ने शिक्षा मंत्री को बताया कि पूरे देश में निजी विद्यालयों के संचालन के लिए जो आरटीई की कानून है उसे ही झारखंड में लागू करने की आवश्यकता है, पिछली सरकार ने आरटीई की कानून में ऐसे ऐसे संशोधन कर दिए जिनका अनुपालन निजी विद्यालयों के लिए संभव नहीं है, अत: जिस तरह संपूर्ण राष्ट्र में आरटीई के लिए अलग कानून और झारखंड में आरटीई के लिए संशोधित कानून या कहीं से भी स्वीकार्य नहीं है।