रांची (ब्यूरो) । कोडरमा निवासी एक 33 वर्षीय पुरुष, जिसकी संवेदना शून्य थी और पिछले 1 दिन से सांस की तकलीफ बढ़ने की शिकायत के साथ पारस एचईसी अस्पताल आया, क्योंकि बाहर के अस्पताल में उसे अविलंब डायलिसिस करने की सलाह दी गई थी। अस्पताल में जांच करने पर उक्त व्यक्ति के अंडकोश एवं किडनी में गंभीर इन्फेक्शन पाया गया। मरीज़ को खराब जीसीएस के कारण आपातकालीन स्थिति में तुरंत इंटुबैट किया गया। 2डी ईको स्क्रीनिंग से पता चला कि एलवीईएफ-35 डीसीएमपी में तीव्र हृदय की विफलता के साथ संदिग्ध हार्ट अटैक की प्रबल संभावना थी जिसके फलस्वरूप डोबुटामाइन और लासिक्स इन्फ्यूजन पर शुरू किया गया। इलाज के दौरान जांच में किडनी की समस्या भी पाई गई।

बुखार भी आया था

मरीज़ के परिजनों से जानकारी मिली कि 3 सप्ताह पहले अंडकोश की सूजन के साथ मरीज़ को बुखार भी आया था। मरीज़ के तीव्र हृदय विफलता को देखते हुए पारस एचईसी अस्पताल के चिक्त्सकों ने इलाज शुरू किया। इन्फेक्शन की पुष्टि होने के बाद मरीज़ को शुरुआत में एंटीबायोटिक्स दिया गया और अन्य सहायक उपायों के साथ अस्पताल में इलाज चलने लगा। मरीज़ के अंडकोश की सूजन भी कम हो गई। जिसके फलस्वरूप हृदय के पम्प करने की क्षमता में काफ़ी सुधार आया। पारस एचईसी अस्पताल के चिकित्सक डॉ अशोक कुमार वैद्य ने बताया कि अंडकोष में इन्फेक्शन के कारण हृदय के पंप करने की क्षमता धीमी हो गई थी जिसे सेप्टिक कार्डियोमायोपैथी कहते हैं।