रांची(ब्यूरो)। फेस्टिवल सीजन आ चुका है। हर तरफ दुर्गोत्सव की धूम है। बाजारों में चहल-पहल बढ़ी हुई है। लेकिन राजधानी रांची में जहां-तहां अब भी गंदगी का अंबार नजर आ रहा है। सिटी के गली-मुहल्लों के अलावा पूजा पंडालों के आसपास भी गंदगी है। जबकि इन दिनों नगर निगम स्वच्छता पखवारा मना रहा है। इसके बावजूद न तो कहीं सफाई नजर आ रही और न ही कूड़े का उठाव हो रहा है। सबसे गंभीर विषय तो यह है कि राजधानी रांची में जहां-तहां खुले नालों के स्लैब हटे हुए हैं, जो हादसों की वजह बन सकते हैं। ऐसे में जरूरी है कि पूजा में जरा बचके घूमें। दुर्गा पूजा में लाखों की संख्या में श्रद्धालु मां के दर्शन को आते हैं। पूजा पंडाल और सड़क पर लोगों का हुजूम होता है। खुले नालों की वजह से कभी भी अनहोनी हो सकती है। इस विषय को जागरूक नागरिक सोशल मीडिया पर भी उठा रहे हैं। फेसबुक, ट्विटर पर फोटो के साथ लोग परेशानी भी साझा कर रहे हैं।
खुले नाले लेते रहे हैं जान
शहर के खुले नाले कई बार जानलेवा साबित हुए हैं। बच्चे, युवा बुजुर्ग सभी को इसने अपना शिकार बनाया है। बीते हफ्ते कुसई कॉलोनी के पास नाले में गिरने से ही एक व्यक्ति की मौत हो गई। राधे श्याम नामक शख्स अपने काम से रात को घर लौट रहा था। कुसई कॉलोनी के पास नाली से स्लैब हटा हुआ था जो रात के अंधेरे की वजह से नजर नहीं आया। ठोकर खाकर वो उसी जगह गिरा और रात भर नाले में ही पड़ा रहा। इस कारण उनके पेट में पानी भर गया और मौत हो गई। दुर्गा पूजा के दौरान ऐसे हादसों से बचने के लिए इन नालों को ढकना बेहद जरूरी है। खासकर पूजा पंडालों के आसपास ध्यान रखना ज्यादा जरूरी है।
रिबन से बांधकर सिर्फ खानापूर्ति
मानसून में ही खुले नालों को ढकने का निर्णय लिया गया था। लेकिन नाले के आसपास रेड रिबन और बांस-बल्ली लगाकर सिर्फ खानापूर्ति कर दी गई। अब फिर से खुले नाले खतरनाक और जानलेवा हो गए हैं। इसके अलावा वैसे नाले जिन पर स्लैब तो लगे हैं लेकिन सफाईकर्मी स्लैब हटाकर कचरा निकालते हैं और फिर उसे खुला ही छोड़ देते हैं। कई महीनों तक नाला ऐसे ही खुले रहते हैं। खुले नालों में गिरकर अब तक तीन लोगों की जान जा चुकी है। लेकिन नालों को ढकने की कार्रवाई अब तक निगम द्वारा नहीं की गई है। निगम का कहना है कि सरकार से फंड नहीं मिलने के कारण नालों को नहीं ढका जा सका।
सिटी में 844 किमी खुले नाले
रांची नगर निगम क्षेत्र में कई मुहल्लों में बड़े-बड़े और खुले नाले हैं, जो हादसों के कारण बन रहे हैं। बारिश के मौसम में ये नाले खतरनाक रूप ले लेते हैं। निगम के अनुसार, नगर निगम क्षेत्र में नालों की कुल लंबाई करीब 1405 किमी है। इसमें 561 किमी नाले ही ऐसे हैं, जिनमें अब तक स्लैब लगा है। बाकी के 844 किमी नालों को नहीं ढका जा सका है। हादसों के बाद धड़ाधड़ निर्णय तो लिए जाते हैं, लेकिन जमीन पर कोई काम नजर नहीं आता। नालों को नहीं ढके जाने का खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ता है। बिना स्लैब के इन नालों में गिरकर लोगों की जान चली जाती है। लेकिन नगर निगम और नगर विकास विभाग की नींद नहीं खुलती। नगर निगम का कहना है कि शहर के सभी खुले नालों को ढकने के लिए सरकार से फंड की मांग की जाती है। लेकिन फंड नहीं मिलने के कारण इस काम को पूरा नहीं किया जा रहा।दुर्गा पूजा को देखते हुए नगर निगम विशेष सफाई अभियान चला रहा है। निगम में कंट्रोल रूम में तैयार कर दिया गया है। पूजा समितियों के साथ तालमेल बनाकर सफाई व्यवस्था और दुरुस्त की जाएगी।
- संजीव विजयवर्गीय, डिप्टी मेयर, आरएमसी