रांची(ब्यूरो)। जिस तरह जोमैटो और स्विग्गी से लोग खाने का आर्डर करते हैं, उसी तरह लोगों को बालू भी उपलब्ध कराया जाएगा। आम लोगों को बालू आसानी से उपलब्ध हो, इसके लिए बहुत जल्द झारखंड स्टेट मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (जीएसएमडीसी) सेंड टैक्सी सेवाशुरू करने की तैयारी कर रहा है। तेलंगाना की तर्ज पर झारखंड में भी यह व्यवस्था शुरू करने की दिशा में विचार-विमर्श किया जा रहा है। इसके तहत सेंड टैक्सी ऐप या वेबसाइट के माध्यम से लोग आसानी से बालू की मांग रख सकेंगे। यह बालू सरकारी दर पर उपलब्ध कराया जाएगा। इसमें बालू स्टॉक यार्ड से उपभोक्ता के घर तक का किराया दूरी के आधार पर तय किया जाएगा, यह सारा कुछ ऑनलाइन माध्यम से किया जाएगा।

वाहनों का होगा रजिस्ट्रेशन

इस ऐप में बालू ढुलाई करने वाले वाहनों को पहले रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। रजिस्टर्ड वाहन को बालू ढुलाई के लिए चालान जारी किया जाएगा। इससे अवैध ढुलाई पर जहां रोक लगेगी वहीं उपभोक्ताओं को भी पता चल सकेगा कि कहां से उनके पास बालू भेजा जा रहा है। उन्हें अपना आर्डर ट्रैक करने की सुविधा मिलेगी। साथ ही बल्क में बालू लेने वाले बिल्डर और ठेकेदार को भी रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। रजिस्ट्रेशन के बाद ही बल्क में आर्डर दिया जा सकेगा। ऐप में यह भी जानकारी रहेगी कि किस जिले में कितना बालू स्टॉक है, यह कब तक उपलब्ध रहेगा, इसके अनुसार वह जरूरत के हिसाब से बालू का ऑर्डर दे सकेंगे।

पोर्टल व ऐप भी बनाया

आम लोगों को सरकारी दर पर बालू उपलब्ध कराने के लिए झारखंड राज्य खनिज विकास निगम ने ऑनलाइन पोर्टल और ऐप भी बनाया है। लेकिन इसके यूजर काफी कम हैं। लोगों में इसकी जानकारी भी कम है, इस कारण इसका इस्तेमाल कम होता है। बालू की बुकिंग जेएसएमडीसी की वेबसाइट पर करने की व्यवस्था है। वहीं प्ले स्टोर से जेएसएमडीसी सेंड कंज्यूमर ऐप भी डाउनलोड किया जा सकता है। इस ऑनलाइन पोर्टल या ऐप पर बालू बुकिंग करने के लिए पहले नाम, पता, फ ोन नंबर आदि देकर यूजर बनना पड़ता है। जिसका लोगो और पासवर्ड होता है इसके बाद ऐप या पोर्टल पर यूजर ही बालू की बुकिंग कर सकता है। इस योजना के तहत अभी तक छह हजार लोगों ने ही अपना रजिस्ट्रेशन कराया है। ऑनलाइन पोर्टल और ऐप के माध्यम से पिछले वर्ष 2022 में 86 लाख सीएफटी बालू की बुकिंग हुई थी, वहीं इस साल अब तक 50 लाख सीएफटी बालू की बुकिंग और आपूर्ति हो चुकी है।

मार्केट में डेढ़ गुणा महंगा बिक रहा बालू

रांची में बालू का काला कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है। 19 हजार का बालू 33 हजार रुपए में बिक रहा है। रांची सहित राज्य के अधिकतर जिलों में एक भी घाट की बंदोबस्ती नहीं होने से पिछले पांच सालों से बिना टेंडर के ही बालू का खनन और परिवहन हो रहा है। लोगों को मुंहमांगी कीमत पर बालू खरीदना पड़ रहा है। पिछले साल भी किल्लत होने पर बिहार, बंगाल से बालू मंगाना पड़ा था। तब 18 हजार रुपये वाला बालू 48 हजार में बिका था। बता दें कि बालू घाटों की बंदोबस्ती से पहले सभी जिलों की डिस्ट्रिक्ट सर्वेक्षण रिपोर्ट तैयार करके जेएसएमडीसी को भेज दी गई है। अब इसका टेंडर करने का प्रॉसेस पूरा किया जा रहा है। बालू कारोबारियों के अनुसार, राज्य भर में रोजाना 700 से 800 हाईवा अवैध बालू की खरीद-बिक्री होती है। औसतन 28,000 रुपए प्रति हाईवा की दर से बालू की बिक्री होती है तो भी प्रति माह करीब 60 करोड़ रुपए का अवैध धंधा चल रहा है।