रांची(ब्यूरो)। अब जमीन की रजिस्ट्री कराने में लोगों के पसीने नहीं छूटेंगे। विभाग ने रजिस्ट्री के नियमों में व्यापक बदलाव किया है। इससे यह प्रक्रिया बेहद आसान हो जाएगी। झारखंड में अब जमीन की रजिस्ट्री विभाग द्वारा तैयार चेकलिस्ट के आधार होगी। इसके मुताबिक सबसे पहले आपके खतियान की कॉपी सत्यापित की जाएगी। खतियान नहीं होने पर भी आपके पास कई विकल्प होंगे।

चेक लिस्ट सिस्टम लागू

झारखंड में जमीन की रजिस्ट्री में चेकलिस्ट सिस्टम लागू कर दिया गया है। भू राजस्व विभाग के नए निर्देशों के अनुसार रजिस्ट्री कराने के लिए आवेदक को खतियान की सत्यापित कॉपी देनी होगी। हालांकि, जमीन के खतियान अब ऑनलाइन हैं और पिछले काफी समय से दस्तावेजों की रजिस्ट्री से पहले खतियान के वेरीफिकेशन की व्यवस्था ऑनलाइन ही चल रही थी। अब अगर आवेदक के पास खतियान की सत्यापित कॉपी नहीं है तो संबंधित अंचल कार्यालय से निर्गत लैंड पजेशन सर्टिफिकेट (एलपीसी) या सत्यापित पंजी टू या शुद्धि पत्र देना होगा। अंचल कार्यालय ई-मेल के जरिए इसका ब्यौरा रजिस्ट्री ऑफिस को भेजेगा। रजिस्ट्री ऑफिस आवेदन के साथ दिए गए दस्तावेज के साथ उसका मिलान करेगा और तब रजिस्ट्री होगी।

खतियान नहीं होने पर क्या

खतियान की सत्यापित प्रति नहीं होने पर सीओ ऑफिस से ई-मेल के माध्यम से प्राप्त सीओ द्वारा प्रमाणित पंजी-2 या भू स्वामित्व प्रमाण पत्र या शुद्धि पत्र होना चाहिए। यह भी ऑप्शन दिया गया है कि अगर सीओ द्वार जारी प्रमाण पत्र अप्राप्त है, तो सीओ कार्यालय में दिए गए आवेदन की प्राप्ति रसीद को ही लगा दिया जाए। भूमि से संबंधित हाल के सर्वे का नक्शा या स्व प्रमाणित नक्शा, जिससे भूमि की स्थिति के बारे में पता चले। पंजी-2 का वॉल्यूम और पृष्ठ संख्या हो। मुद्रांक और निबंधन शुल्क का भुगतान, आधार और पैन सत्यापन तथा शहरी क्षेत्र होने पर होल्डिंग संख्या हो। इन्हीं दस्तावेज पर निबंधन कराना होगा।

टाइटल की जांच नहीं

निबंधन महानिरीक्षक की ओर से सभी जिलों के उपायुक्त को पत्र भेजा गया है कि भूमि की पहचान के क्रम में निबंधन पदाधिकारी द्वारा टाइटल की जांच नहीं की जाएगी। केवल चेकलिस्ट को टिक मार्क करके निबंधन किया जाएगा। निबंधन पदाधिकारी रजिस्ट्री के पहले दस्तावेज के साथ संलग्न भू-अभिलेखों का ऑनलाइन सत्यापन भी करेंगे। यह भी निबंधन पदाधिकारी द्वारा देखा जाएगा कि भूमि प्रतिबंधित श्रेणी यानी गैरमजरुआ भूमि, वन भूमि आदि का अवैध हस्तांतरण न हो। साथ ही सीएनटी एक्ट के अंतर्गत आने वाली भूमि न हो, तभी निबंधन किया जाएगा।

8 तरह के डॉक्यूमेंट्स जरूरी

विभाग की ओर से आठ बिंदुओं पर चेकलिस्ट तैयार की गई है। इसी के आधार पर जमीन का निबंधन कार्य होगा। इसमें जमीन के निबंधन के पूर्व दस्तावेज का मिलान चेकलिस्ट से किया जाएगा, उसके बाद ही रजिस्ट्री की जाएगी।

यह है चेकलिस्ट

-रजिस्ट्री से पहले दस्तावेजों के साथ संलग्न भू-अभिलेख का ऑनलाइन सत्यापन।

-भूमि प्रतिबंधित श्रेणी यानी गैरमौजरूआ है या नहीं इसकी जांच।

- खतियान की सत्यापित कॉपी या एलपीसी पंजी टू शुद्धि पत्र की जांच।

-भूमि से संबंधित हाल के सर्वे का नक्शा या स्वप्रमाणित नक्शे की जांच।

-पंजी टू का वॉल्यूम व पृष्ठ संख्या की जांच।

-मुद्रांक व भुगतान शुल्क का भुगतान।

- आधार और पैन का सत्यापन।

- शहरी क्षेत्र के लिए होल्डिंग संख्या।

जमीन की रजिस्ट्री के लिए चेकलिस्ट सिस्टम लागू किया गया है। विभाग की ओर से जो चेकलिस्ट सभी रजिस्ट्री ऑफिस में भेजी गई है उसी के आधार पर जमीन और मकान सहित सभी तरह की रजिस्ट्री होगी।

-साहेब सिद्दीकी, डीआईजी, निबंधन, झारखंड