रांची (ब्यूरो)। राजधानी रांची में बिजली के तारों को अंडरग्राउंड करने की योजना शुरू की गई थी। लेकिन स्थिति देख ऐसा लगता है जैसे यह योजना ही अंडरग्राउंड हो चुकी हो। तीन साल पहले केबल अंडरग्राउंड का काम शुुरू हुआ था। अब तक 30 परसेंट भी काम पूरा नहीं हुआ है। बरसात के मौसम में इस बार भी लोगों को पावर कट की परेशानी झेलने के लिए तैयार रहना होगा। सिटी में 33 और 11 केवी बिजली के तार को अंडरग्राउंड किया जाना था। कुछ इलाकों में काम हुआ, अधिकतर क्षेत्रों में यह अब भी अधूरा है। 11 केवी के तार को अंडरग्राउंड करने का काम करीब 70 परसेंट किया गया है। लेकिन 33 केवी के तार जिसके माध्यम से घरों में पॉवर सप्लाई होती है उसका 30 परसेंट भी काम नहीं हुआ है। सिटी में अब भी जहां-तहां बिजली के तार झूल रहे हैं, जो हर वक्त दुर्घटना को निमंत्रण देते हैं।
इस मानसून भी परेशानी
आने वाले कुछ दिनों बार मानसून शुरू हो जाएगा। बारिश के मौसम में फिर से इस बार राजधानी वासियों को बिजली कटौती की समस्या झेलनी पड़ सकती है। सरकार एक ओर 24 घंटे पावर सप्लाई के दावे करती है, जबकि हकीकत राजधानी वासी भली-भांती जान रहे हैं। बिजली कटने की एक बड़ी वजह जर्जर हो चुके तार भी हैं। आए दिन तार टूटने और इसमें आग लगने की घटनाएं होती रहती हैं। जर्जर तार एवं हाई-लो वोल्टेज के बीच की जा रही बिजली आपूर्ति हादसे को भी आमंत्रण दे रही है। ब्रेक डाउन, शटडाउन, इंसुलेटर की खराबी, डिश पंक्चर, हाई-लो वोल्टेज जैसी समस्या हर दिन बनी हुई है।
हल्की हवा में भी टूट रहे तार
राजधानी रांची में बिजली के तार दशकों साल पुराने हो गए हैं। दिनोंदिन तार जर्जर होते जा रहे हैं। हल्की हवा के थपेड़े भी ये तार बर्दाश्त नहीं कर पाते। वहीं पेड़ की डाली इन तारों पर गिरने से 8 से 10 घंटे तक बिजली गायब हो जाती है। यदि समय पर केबल अंडरग्राउंड का काम पूरा हो जाता तो ऐसी समस्याओं से लोगों को निजात मिलती एवं विद्युत आपूर्ति का समय भी बढ़ता। बोर्ड की मानें तो बिजली में सुधार के कई कार्य हुए हैं। योजना के अनुसार करीब 110 किमी अंडरग्राउंड केबलिंग की जा चुकी है। लेकिन सिटी के विभिन्न इलाकों की तस्वीर बोर्ड के दावों की पोल खोलती नजर आती है।
रातू रोड, अपर बाजार, मेन रोड में ज्यादा खराबी
सिटी के गली-मोहल्लों में तो दूर प्रमुख सड़कों के झूलते तार भी अंडरग्राउंड नहीं कर सका है बिजली बोर्ड। सबसे खराब हालत रातू रोड, अपर बाजार, मेन रोड की है। भीड़भाड़ वाले इन इलाकों में बिजली के तार इतने नीचे तक झूल रहे हैं कि लोगों के सिर से टकरा जाएं। अपर बाजार में संकीर्ण गलियों में जमीन को छूते बिजली के तार झूल रहे हैं। ये तार हादसों को दावत दे रहे हैं। अपर बाजार में अक्सर शार्टसर्किट के कारण बिजली के पोल पर आग लगने की शिकायत आती रहती है। वहीं मेन रोड जिससे रांची की पहचान है। वहां की तस्वीर भी ज्यादा अच्छी नहीं। बिजली के तार के अलावा इंटरनेट के केबल भी जहां-तहां ऐसे ही छोड़ दिए गए हैं।