- रेल बजट पर पैसेंजर्स ने दी मिली-जुली प्रतिक्रिया
- किराए में कमी तो दूर, कोई नहीं सुविधा तक नहीं
रेल बजट से आम लोगों को काफी उम्मीदें रहती हैं, लेकिन इस बार के रेल बजट में रांची को कुछ खास हाथ नहीं लगा है। देश स्तर पर जो घोषणाएं की गई हैं, उन्हें छोड़ दिया जाए तो रांची के लिए खास तौर से कोई नई सौगात नहीं मिली है। इसे लेकर सिटी के लोगों ने रेल बजट पर मिली-जुली प्रतिक्रिया दी है। लोगों का कहना है कि रांची से कई ट्रेनों का फेरा बढ़ाया जाना जरूरी था। रेल मंत्रालय ने इस पर ध्यान नहीं दिया। हालांकि, पीपीपी मोड पर कुछ ट्रेनों को चलाए जाने से सुविधाएं बढ़ेंगी, जिसका लोगों ने स्वागत किया है। हालांकि, ज्यादातर लोगों का मानना है कि रेल बजट का जैसा स्वरूप होना चाहिए था, वो इस बार नहीं देखा गया। यहां प्रस्तुत है आम लोगों की रेल बजट पर प्रतिक्रिया :
रांची से कोई नई ट्रेन की शुरुआत नहीं हुई है। हालांकि, सिटी से लगातार यात्रियों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसे देखते हुए सरकार को कुछ ट्रेनों का फेरा बढ़ाना चाहिए था। इसके अलावा यात्री सुविधाओं में किसी प्रकार की बढ़ोत्तरी नहीं की गई है। कुल मिलाकर यह बजट रांची के लोगों के लिए बहुत ज्यादा उत्साहित करने वाला नहीं है।
सुरेंद्र कुमार
हम रेल को केवल ट्रेनों की संख्या और किराए तक ही सीमित रखकर नहीं देख सकते। भारतीय रेल दुनिया के विशाल नेटवर्क में से एक है। इसलिए इसके डेवलपमेंट पर भी बात होनी चाहिए। सरकार ने रेलवे के स्वामित्व वाली भूमि पर रेल पटरियों के साथ एक बड़ी सौर ऊर्जा क्षमता स्थापित करने की घोषणा की है। यह स्वागत योग्य है।
कुंदन रजक
युवाओं को भारतीय रेल में रोजगार की भी उम्मीद रहती है। ग्रुप सी और डी की नौकरियां लगातार कम हो रही हैं। इस पर बजट में कुछ खास चर्चा सुनने को नहीं मिली। वहीं झारखंड में रेल कारखाना खोलने की भी घोषणा नहीं हुई। रेल मंत्रालय को कुछ ऐसे प्रावधान करने चाहिए थे, जिससे युवाओं को रोजगार से जोड़ा जा सके। उम्मीद है कि आने वाले दिनों में इस पर ध्यान दिया जाएगा।
संतोष कुमार
हाई स्पीड ट्रेन चलाने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप करना जरूरी है। इस बार केवल मुम्बई से अहमदाबाद के बीच हाई स्पीड ट्रेन चलाने की घोषणा की गई है। अन्य शहरों को भी इसके लिए तैयार करना चाहिए। साथ ही फ्लेक्सी फेयर और तत्काल चार्जेज में कुछ कमी करनी चाहिए थी। आम यात्री के लिए किराया बहुत मायने रखता है। खासकर मध्य वर्ग को यह बहुत ज्यादा प्रभावित करता है।
फ्रांसिस शर्मा
रेल बजट एक फ्यूचर वीजन के साथ तैयार किया गया प्रतीत होता है। इसमें मौजूदा ट्रेनों की संख्या बढ़ाने और ट्रेनों का फेरा बढ़ाने पर कोई बात नहीं की गई है। रांची से बेंगलुरु या चेन्नई जाने के लिए ट्रेनें काफी कम हैं। हटिया-यशवंतपुर ट्रेन का फेरा बढ़ाना चाहिए था। इसके अलावा रांची से मुंबई के लिए भी नई ट्रेन चलाने की घोषणा जरूरी थी। कुल मिलाकर रांची के लिए कुछ खास नहीं है।
प्रेम कुमार शुक्ला