-सिर्फ सीसीटीवी के भरोसे एटीएम की सुरक्षा

-एटीएम क्लोनिंग से लेकर फटे नोट के कई मामले

-शिकायत सुनने को कोई मौजूद नहीं, सुरक्षा जीरो

सिटी में सरकारी और प्राइवेट बैंकों के लगभग 280 एटीएम बूथ हैं, जिनमें 190 चालू हालत में हैं। इन एटीएम बूथो में सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। साथ ही एटीएम मशीन में सेंसर भी लगा है। मशीन से छेड़छाड़ करने पर एक सायरन करीब के बैंक शाखा में बजने लगता है। लेकिन तकनीकी खामियों की वजह से ये सिक्योरिटी भी हमेशा नहीं रह पाती है। एटीएम बूथ को सॉफ्ट टारगेट मानने वाले अपराधी अक्सर इन बूथों को डैमेज करने का प्रयास करते रहते हैं। ये अलग बात है कि जानकारी नहीं होने की वजह से वे असफल हो जाते हैं। तीन दिन पहले ही इटकी रोड में इस तरह की वारदात हुई थी। इसके बाद दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने शहर के अलग-अलग स्थानों पर लगे एटीएम बूथ का रियलिटी चेक किया। जहां कई चौंकाने वाली बातें सामने आईं।

टाइम : 12:20 बजे

स्पॉट : पिस्का मोड़

ये तस्वीर पिस्का मोड़ के पास स्थित पंजाब नेशनल बैंक के एटीएम बूथ की है। यहां सिक्योरिटी नहीं होने की वजह से इस स्थान को पार्किग एरिया बना दिया गया है। लोगों को एटीएम में आने-जाने में मुश्किल भी होती है।

टाइम : 12:50 बजे

स्पॉट : पंडरा

पंडरा स्थित आईसीआईसीआई बैंक के एटीएम का भी यही हाल है। यहां भी सुरक्षा के नाम पर सिर्फ ओल्ड मॉडल सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ है। एटीएम को ऐसे ही लावारिस छोड़ दिया गया है। एटीएम में किसी के नहीं होने से पैसे निकालने आने वाले लोगों को दिक्कतों का सामना भी करना पड़ रहा है।

टाइम : 01:20 बजे

स्पॉट : पिस्का मोड़ पेट्रोल पंप

पिस्का मोड़ पेट्रोल पंप के पास आईसीआईसीआई और बैंक ऑफ बड़ौदा के दो एटीएम बूथ हैं। दोनो में एक भी सिक्योरिटी गार्ड नहीं है। यहां गंदगी का भी भरमार है। बूथ की देखरेख तो क्या इसकी साफ-सफाई भी करने वाला कोई नहीं है।

टाइम : 02:10 बजे

स्पॉट : आईटीआई रोड

यहां बैंक ऑफ बड़ौदा के भी बूथ पर सिक्योरिटी गार्ड नजर नहीं आया। बूथ साइड एरिया में है, लेकिन सुरक्षा का अभाव महसूस होता है। पैसे निकालने आने वाले लोग भी खुद को सेव महसूस नहीं करते है।

कौन है जिम्मेदार

एटीएम बूथों की सिक्योरिटी केवल सीसीटीवी फूटेज तक सीमित रह गई है। पुलिस कहती है यह प्रॉपटी बैंक की है इसलिए इसकी सुरक्षा भी बैंक करे। जबकि बैंक मैनेजरों का कहना है एटीएम बूथ पब्लिक प्लेस पर हैं इसलिए इसकी सिक्योरिटी पुलिस को करनी चाहिए। बहरहाल, दोनों के आपस में तालमेल नहीं होने का खामियाजा आम पब्लिक को भुगतना पड़ रहा है। जो थोडे़ शिक्षित और जानकार लोग हैं उन्हें परेशानी नहीं होती, लेकिन आसपास के क्षेत्र से आने वाले लोगों को दिक्कतों का सामना तो करना ही पड़ रहा है।

क्या हैं सिक्योरिटी गार्ड रखने के नियम

-गार्ड पूरी तरह से प्रशिक्षित होना चाहिए।

-सिक्योरिटी गार्ड का इंतजाम बैंक को करना चाहिए।

-गार्ड के पास गन का लाइसेंस होना चाहिए।

-20 से 35 साल के बीच होनी चाहिए उम्र

-सिक्योरिटी गार्ड पूरी तरह से स्वस्थ्य होना चाहिए।

प्रॉब्लम सुनने वाला कोई नहीं

पहले एटीएम बूथ पर सिक्योरिटी गार्ड होते थे, जो पब्लिक की समस्या तो सुनते थे, वहीं यदि किसी व्यक्ति को पैसे निकालने या स्टेटमेंट निकालने में परेशानी होती थी तो वे हेल्प भी करते थे। लेकिन अब पब्लिक की समस्या सुनने वाला भी कोई नहीं है। नोट में किसी तरह की दिक्कत हो तो इसकी शिकायत के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं है।