रांची(ब्यूरो)। इस वर्ष भी बरसात में रांची के 1.62 घरों से निकलने वाला बरसात का पानी नाले में बह जाएगा। इसकी वजह रांची के सभी हाउसहोल्ड्स में वाटर हार्वेस्ंिटग सिस्टम का नहीं बन पाना है। नगर निगम की ओर से जिन घरों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं है, वैसे घरों से डेढ़ गुना होल्डिंग टैक्स वसूला जा रहा है। डेढ़ गुना होल्ंिडग टैक्स चुकाने के डर से कई लोगों ने अपने घरों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाया भी है, लेकिन अब भी अधिकतर लोगों ने अपने घरों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं बनवाया है। मालूम हो कि रांची क्षेत्र में वाटर लेबल काफी तेजी से नीचे गिर रहा है। हरमू, कांके समेत कई इलाके ड्राई जोन घोषित हो चुके हैं। रांची के जिन इलाकों में ग्राउंड वाटर लेबल ठीक है, उन इलाकों में भी हर वर्ष ग्राउंड वाटर लेबल एक से तीन मीटर नीचे चला जा रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए निगम की ओर से सभी घरों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाने की योजना की शुरुआत की गई थी।
48 हजार घरों में ही बना है सिस्टम
रांची में अब तक केवल 48 हजार घरों में वाटर हार्वेस्ंिटग सिस्टम बनाया जा सका है। लेकिन इस वर्ष लोग वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाने में रूचि नहीं दिखा रहे हैं। उनका कहना है कि कोरोना संक्रमण के चलते आय घट गई है। इसलिए वे बनाने में असमर्थ हैं। रांची में कुल 2.10 लाख हाउसहोल्ड्स हैं। ऐसे में इस वर्ष बरसात में रांची के 1.62 लाख घरों का पानी नाले में बह जाएगा। वहीं नगर निगम की ओर से कहा गया है कि जो घर 300 स्क्वायर मीटर के एरिया में भी बने हैं, उन घरों में भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग बनाना जरूरी है।
दो साल से कोई प्रगति नहीं
पिछले दो वर्षों से कोरोना संक्रमण के चलते आय में कमी होने के कारण लोग वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाने में जरा भी दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। यह जानकारी वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनानेवाली एजेंसियों ने दी। नगर निगम सूत्रों का कहना है कि अपार्टमेंट या अन्य निजी घरों के लोग वाटर हार्वेस्टिंग बना भी रहे हैं तो वे महज खानापूर्ति कर रहे हैं। वे ऐसा सिस्टम बना रहे हैं, जिससे वाटर रिचार्ज न के बराबर होगा।
सरकारी विभागों में भारी उदासीनता
राज्य के सरकारी विभाग भी वाटर हार्वेस्ंिटग सिस्टम को लेकर काफी उदासीन हैं। वाटर हार्वेस्ंिटग सिस्टम बनाने के लिए सरकारी विभाग राशि नहीं देना चाहते हैं। यही वजह है कि सरकारी भवनों में अब तक सबसे कम वाटर हार्वेस्ंिटग सिस्टम बनाया जा सका है।
कम्युनिटी लेबल पर बनाने की थी योजना
नगर निगम की ओर से रांची में कम्युनिटी लेबल पर भी वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम तैयार करने की योजना थी। इसके लिए हर वार्ड में 6-6 वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाया जाना था। निगम की ओर से कम्युनिटी स्तर पर ऐसे जगहों पर वाटर हार्वेस्टिंग बनाया जाना था, जहां जमीन की उपलब्ध नहीं है। लेकिन निगम की ओर से इस दिशा में ध्यान नहीं दिया गया और इक्का-दुक्का को छोड़ कम्युनिटी बेस्ड वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं बन सका। इस संबंध में पार्षदों का कहना है कि हमलोगों ने जमीन चिन्हित कर दे दिया, लेकिन कम्युनिटी बेस्ड वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं बनाया जा सका।
लगाए गए हैं पेबर ब्लॉक्स
निगम की ओर से रांची के कई इलाकों में सड़कों के किनारे पेबर ब्लॉक्स लगाये गये। ताकि ग्राउंड वाटर को रिचार्ज हो सके।
क्या कहते हैं जियोलॉजिस्ट
इस बार भी 35 से 45 फीसदी बारिश का पानी बहकर बर्बाद हो जाएगा, क्योंकि निगम द्वारा बनाये गये वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाने में जियोलॉजिस्ट की राय नहीं ली गई। रांची की चट्टानें पानी कम सोखती हैं। मकान मालिक कितनी बार वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का मेंटनेंस करेगा।
-डॉ नीतीश प्रियदर्शी, जियोलॉजिस्ट और पर्यावरणविद्