RANCHI:रांची में इन दिनों शादियों का दौर चल रहा है। केवल हिंदू धर्म में शादियां नहीं हो रही हैं, लेकिन अन्य धर्मो में शादियां हो रही हैं। सड़कों पर हर रोज बारात देखी जा सकती है, लेकिन राज्य में सभी शादियों का निबंधन अनिवार्य होने के बावजूद लोग बहुत ही कम संख्या में अपने विवाह का रजिस्ट्रेशन करा रहे हैं। रांची में अवर निबंधन कार्यालय का आलम यह है कि यहां हर रोज दो-चार जोड़े ही विवाह रजिस्ट्रेशन के लिए आ रहे हैं। ऐसा होने के पीछे कई कारण हैं। पहला तो यह कि कोरोना को लेकर नवविवाहित जोड़े अभी सरकारी दफ्तर का चक्कर लगाने से कतरा रहे हैं। दूसरा कारण यह है कि निबंधन कार्यालय में आये दिन सर्वर डाउन और लिंक फेल की समस्या आ रही है।

अनिवार्य है रजिस्ट्रेशन

सरकार ने सभी धर्म के लोगों के लिए शादी का निबंधन कराना अनिवार्य कर दिया है। इसके तहत निबंधन शादी के एक साल के अंदर कराना होगा। इसका शुल्क महज 50 रुपए है। अगर आप निर्धारित अवधि में निबंधन नहीं कराते हैं, तो आपको प्रति दिन पांच रुपए के हिसाब से विलंब शुल्क देना होगा, जो अधिकतम 100 रुपए होगा। एनआइसी की ओर से ऑनलाइन सर्टिफिकेट जारी करने के लिए सॉफ्टवेयर भी बनाया गया है। इसके बाद निबंधन से जुड़ी हुई सारी कार्रवाई ऑनलाइन हो गई है। निबंधक की ओर से डिजिटल हस्ताक्षर के माध्यम से प्रमाणपत्र जारी किया जा रहा है।

यह है निबंधन की प्रक्रिया

विवाह निबंधन के लिए ई-निबंधन पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन देना होता है। इसके साथ ही पक्षकारों का नाम, फ ोटो, आयु, निवास स्थान, व्यवसाय, विवाह की तिथि, विवाह का स्थान, मोबाइल नंबर आदि की भी जानकारी देनी होगी। ग्रामीण क्षेत्र के निवासियों के आवेदन स्थानीय मुखिया, सरपंच, किसी राजपत्रित पदाधिकारी अथवा सक्षम प्राधिकार से प्रमाणित कराने होंगे। शहरी क्षेत्रों में यह कार्य वार्ड पार्षद, राजपत्रित पदाधिकारी अथवा अन्य सक्षम प्राधिकार के माध्यम से हो सकेगा। आवेदन के साथ वर-वधु के विवाह की तस्वीर, पंडित, काजी द्वारा निर्गत प्रमाणपत्र भी प्रमाण के तौर पर अपलोड करने होंगे। अगर आवेदन में किसी तरह की त्रुटि रह गई हो तो 15 दिनों के अंदर आवेदन देना होगा।

यह है रजिस्ट्रेशन का फायदा

विवाह का निबंधन कराए जाने के कई लाभ होंगे। एक तो इससे बाल विवाह पर प्रहार हो सकेगा। अगर लड़का 21 और लड़की 18 साल की नहीं हुई तो उसका निबंधन नहीं हो सकेगा। अगर शादी-शुदा जोड़े को विदेश जाना पड़े तो उसे निबंधन प्रमाणपत्र के लिए अलग से माथापच्ची नहीं करनी होगी। अगर किसी कारणवश किसी व्यक्ति के पति अथवा पत्‍‌नी की मृत्यु हो जाती है, तो उसके संवैधानिक अधिकारों की रक्षा हो सकेगी।

रांची में शादी का निबंधन कराने के लिए लोग आवेदन ही कम देते हैं। अभी हर दिन 4 से 5 लोगों का रजिस्ट्रेशन कराया जा रहा है। कुछ दिन पहले लिंक फेल और सर्वर डाउन की शिकायत आई थी, जिसे ठीक कर लिया गया है। लोग और अधिक संख्या में आवेदन करें, समय पर सर्टिफिकेट दिया जाएगा।

-घासीराम पिंगुआ, अवर निबंधक, रांची