रांची: शहर के बहुत सारे लोगों के घरों में पिछले तीन महीने से बिजली का बिल नहीं आया है। लोग परेशान हैं कि एक साथ तीन महीने के बिजली बिल का भुगतान कैसे कर पाएंगे। रांची के जीएम प्रभात कुमार श्रीवास्तव बताते हैं कि पहले जो एजेंसी बिल कलेक्शन का काम करती थी, उसे हटा दिया गया है। अब नई एजेंसी को बिल कलेक्शन करने की जिम्मेवारी दी गई है। नई एजेंसी अभी तीन महीने के डेटा कलेक्ट कर रही है। बिल देने से पहले सर्वे का काम कर रही है। बहुत सारे लोगों को अप टू डेट बिल भेजा जा रहा है, लेकिन कुछ लोगों को नहीं मिल पा रहा है, उनको जल्द ही बिजली बिल मिल जाएगा।
नई एजेंसी को मिला जिम्मा
पहली एजेंसी की मिल रही लगातार शिकायतों के बाद झारखंड बिजली वितरण निगम ने नई एजेंसी को रांची में बिजली बिल वसूलने की जिम्मेदारी दी है। इसके लिए जेबीवीएनएल द्वारा कॉम्पीटेंट एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड का सेलेक्शन कर लिया गया है। इस नई कंपनी को जिम्मेदारी दी जा रही है कि लोगों से समय पर और सही तरीके से बिजली का बिल उपलब्ध करवाएं। बता दें कि रांची में साढ़े तीन साल से फ्लूएंट ग्रिड कंपनी बिजली बिल वसूली का काम कर रही थी। कंपनी को लेकर उपभोक्ताओं द्वारा कई बार शिकायत की गई कि कंपनी सही तरीके से बिलिंग भी नहीं करती है और मीटर रीडिंग भी समय पर नहीं होती है।
डेटा कलेक्शन का हो रहा काम
बिजली वितरण निगम के अधिकारी ने बताया कि नई कंपनी ने काम संभाल लिया है, लेकिन वह अभी बिल कलेक्शन का काम शुरू नहीं की है। जल्द ही पूरी तरह से काम संभाल लेगी। यहां काम करने वाले ऊर्जा मित्रों को और अधिक जिम्मेदार बनाया जाएगा। उनको ट्रेनिंग दी जाएगी कि किस तरह से कंज्यूमर के घर जाएं, कैसे उनको कन्वींस करें, कैसे उनको सही तरीके से और समय पर बिल उपलब्ध करवाएं।
कनेक्शन काटने में पीछे नहीं
लोगों को समय पर बिजली का बिल भले ही नहीं मिल पा रहा हो लेकिन बिजली बिल के बकायेदारों का कनेक्शन काटने और राजस्व वसूली के लिए अभियान चलाने में कमी नहीं है। जिन लोगों के घरों का बिजली बिल दस हजार रुपए से ऊपर है, उनके घरों का कनेक्शन काटा जा रहा है। जबकि कई लोगों के घरों का तीन महीने का बिल ही दस हजार रुपए तक हो जाता है।
चार साल से कर रही थी काम
पहले जिस एजेंसी को बिजली बिल वसूलने का काम दिया गया था, वो चार साल से काम कर रही थी। हर तीन साल के लिए एजेंसियों का चयन किया जाता है। साल 2017 में इसके पहले टेंडर किया गया था, जिसमें सात विद्युत आपूर्ति क्षेत्रों के लिए एजेंसियों का चयन किया गया। बता दें कि इन्हीं बिलिंग एजेंसियों के अंतर्गत ऊर्जा मित्र काम करते हैं। ऐसे में संभावना है कि एजेंसियों के बदले जाने के बाद ऊर्जा मित्र भी बदले जाएं। राजधानी रांची में पिछले साढ़े तीन साल से बिलिंग फ्लूएंट नामक एजेंसी कर रही है।
कम हुआ रेवेन्यू कलेक्शन
राजस्व वसूली शुरू से विवादों का बड़ा कारण रहा है। अपने गठन से ही जेबीवीएनएल राजस्व वसूली को दुरुस्त नहीं कर पाया है। हर महीने जेबीवीएनएल को 200 से 250 करोड़ राजस्व मिलता है, जबकि सिर्फ बिजली खरीद में ही 500 करोड़ खर्च हो जाते हैं। ऐसे में जेबीवीएनएल हर महीने नुकसान में रहता है। डीवीसी का बकाया भुगतान भी लंबित है।
रांची में बिजली बिल वसूल करने के लिए नई एजेंसी का चयन कर लिया गया है। अभी नई एजेंसी डेटा कलेक्शन का काम कर रही है। जल्द ही नई एजेंसी बिल वसूलने का काम शुरू करेगी।
-प्रभात कुमार श्रीवास्तव, जीएम, रांची