RANCHI: अफ गानिस्तान पर तालिबानी कब्जे से भारतीय ड्राई फ्रूट्स आयातकों का माल अटक गया है। करीब एक सप्ताह से अफगानिस्तान से माल आना बंद है। इस कारण रांची में ड्राई फ्रूट्स के दाम बढ़ गए हैं। कीमत में 2 से 5 परसेंट तक की वृद्धि हुई है। बता दें कि अफ गानिस्तान से अंजीर, मुनक्का, किशमिश, अखरोट, बादाम, खुबानी आदि ड्राई फ्रूट्स भारतमें सबसे ज्यादा आयात होते हैं। रांची के बाजार में भी दिल्ली के रास्ते अफगानिस्तान से मेवे मंगवाए जाते हैं। फि र रांची से राज्य के अलग-अलग जिलों के बाजारों में इसे भेजा जाता है। हालांकि, व्यापारियों का कहना है कि बाजार के पास दूसरी मंडियों से आयात चालू रखने का विकल्प खुला है। ऐस में आने वाले त्योहारों में भी मेवे की मांग और सप्लाई पर बहुत ज्यादा असर पड़ने की आशंका नहीं है।
पांच परसेंट तक की तेजी
रांची के कोकर स्थित मेवा व्यापारी आयुष अग्रवाल बताते हैं कि कुछ वर्ष पहले तक अफगानिस्तान से आने वाले मेवे बहुत कम रांची तक पहुंचते थे। मगर स्थिति सामान्य होने पर व्यापार बढ़ा था। दूसरी बात ये है कि अफगानिस्तानी मेवे की कीमत दूसरों से ज्यादा होती है। ऐसे में इसकी खपत बाजार में सीमित है। वर्तमान असर के कारण भाव में दो से लेकर पांच प्रतिशत तक की तेजी है। ये अधिकतम दस प्रतिशत तक जा सकती है। मगर इस बीच बाजार को संभालने के लिए व्यापारियों ने अफगानिस्तान के विकल्प को तलाश लिया है। इससे बाजार में बनी कमी दीवाली से पहले पूरी होने की संभावना है।
फिर से ठीक होगा बाजार
रांची के कई किराना के व्यापारी दिल्ली के थोक आयातकों से सीधे माल मंगवाते हैं। दिल्ली में मेवों का बेहतर स्टॉक मौजूद है। ऐसे में एक से डेढ़ माह तक बाजार में बड़ा अंतर देखने को नहीं मिलेगा। वहीं, बाजार ने अपना पुराना विकल्प फिर से खोल लिया है। उम्मीद है कि एक से दो महीने में वहां से व्यापार फिर से शुरू हो जाएगा।
अफगानी किशमिश की 5 परसेंट बिक्री
अफ गानिस्तान से किशमिश की बेहतर आमद रांची के बाजार में होती थी। हालांकि, रांची में बिकने वाली किशमिश में इसकी कुल बिक्री की हिस्सेदारी केवल पांच प्रतिशत है। पूरे राज्य में नासिक के किशमिश की सबसे ज्यादा डिमांड है। इसकी क्वालिटी लोकल स्तर पर बेहतर है। वहीं, किशमिश के मामले में हम लगभग आत्मनिर्भर भी हो रहे हैं। भारतीय किशमिश की कीमत 200 से 300 रुपए, जबकि अफ गानी किशमिश की कीमत 350 से 450 रुपए प्रति किलो पर पिछले एक सप्ताह से स्थिर है।
पिस्ता की हेवी डिमांड
राज्य में अफगानिस्तान के पिस्ते की 40 प्रतिशत तक खपत है। ऐसे में पिस्ता का व्यापार प्रभावित हो सकता है। मगर हमारे पास पिस्ता के आयातक के रूप में ईरान का विकल्प खुला हुआ है। ईरान भारत का मित्र देश होने के साथ-साथ साझेदारी में व्यापार बढ़ाने का इच्छुक भी है। ऐसे में बड़े व्यापारियों ने स्थिति को देखते हुए पहले ही ईरानी पिस्ता की तरफ रुख कर लिया है।
बादाम के बाजार पर असर
अफ गानिस्तान के बादाम की रांची के बाजार में स्थिति ठीक है। मगर इसकी बिक्री में कुल शेयर दस प्रतिशत के आसपास है। हमारे यहां कश्मीरी मामरा बादाम और अमेरिकी कैलिफोर्निया बादाम की मांग ज्यादा है। अफगानिस्तान से आमद प्रभावित होते ही बड़े व्यापारियों ने यहां से ऑर्डर बढ़ा दिया है। बादाम की कीमत 950 से 2500 रुपये प्रतिकिलो पर स्थिर है।
मेवा दाम (प्रति किलो)
छुहाड़ा: 260
काला छुहाड़ा: 280
किशमिश: 300
अंजीर: 800
काला किशमिश: 400
अखरोट: 800
खजूर: 600
अंजीर और खजूर के अलावा किसी चीज की दाम में ज्यादा वृद्धि नहीं हुई है। अभी वृद्धि भी मामूली है। इतना उतार चढ़ाव बाजार में होता रहता है।
फारूख, ड्राइ फ्रूट विक्रेता
अफगानिस्तान के कारण बाजार में अभी बड़ा असर देखने को नहीं मिल रहा है। हालांकि अगर व्यापार लंबे समय तक प्रभावित रहा तो हो सकता है कुछ असर पड़े।
आमिर साहेब, ड्राइ फ्रूट विक्रेता