रांची: बेड भी हो चले फुल, मत कीजिए ऐसी भूल। जी हां, राजधानी रांची में कुछ ऐसा ही हाल है। एक ओर कोरोना इन्फेक्शन की रफ्तार बेकाबू होती जा रही है तो दूसरी ओर लोगों की लापरवाही भी बंद होने का नाम नही ले रही है। नतीजन, सिटी में क्रिटिकल केयर वाले मरीजों के सारे बेड फुल हो चुके हैं। ऐसे में प्रशासनिक तैयारियों की भी पोल खुलने लगी है। सरकारी व निजी अस्पतालों में बेड की कमी हो गई है। रिम्स, सदर और सीसीएल अस्पताल समेत शहर के दर्जनभर प्राइवेट हॉस्पिटल्स के बेड की पड़ताल में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। एक अस्पताल को छोड़ बाकी किसी में दहाई के अंक में बेड नहीं बचे हैं।
बिना मास्क लोग लगा रहे भीड़
सड़कों पर, सब्जी मार्केट में या मॉल और दुकानों में अब भी लोग बिना मास्क के घूमते हुए नजर आ रहे हैं। वहीं, सोशल डिस्टेंसिंग की तो बात ही बेमानी लगती है। यही नहीं, अस्पतालों में कोरोना जांच के लिए आने वाले लोगों की भी भीड़ बढ़ती जा रही है। यहां भी सतर्कता बहुत कम ही नजर आ रही है। इतना ही नहीं, पब्लिक ट्रांसपोर्ट की गाडि़यों में कोविड गाइडलाइंस की धज्जियां उड़ रही हैं। पैसेंजर्स भी बिना मास्क के ही सफर कर रहे हैं। रिम्स प्रबंधन ने डेंगू वार्ड को कोविड वार्ड में बदल दिया है। वहीं सदर अस्पताल के निर्माणाधीन भवन के तीसरे तल्ले को एक सप्ताह में एक्टिव करने का निर्देश डीसी ने दिया है।
चिंता की वजह
1. सरकारी टेस्ट लैब से 5 से 6 दिनों में आ रही जांच रिपोर्ट, वहीं अब प्राइवेट लैब में भी दो से तीन दिन का समय लग रहा
2. संक्रमितों के घरों को किया जा रहा सील पर नगर निगम नहीं कर रहा सेनेटाइज, कचरा उठाने भी नहीं आ रहे कर्मी
एमएमएस का रखें ख्याल
सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क, सेनेटाइजर का पालन करें, थोड़ी भी तबीयत खराब लगे तो तत्काल टेस्ट कराएं, घर में आइसोलेट हों, रिपोर्ट आने तक घर से नहीं निकलें, घरेलू उपचार लेते रहें। बच्चों को घर से बाहर पूरी एहतियात के बाद ही भेजें।
तो वापस होगी लॉकडाउन में मिली छूट
इन्फेक्शन की रफ्तार ऐसे ही बढ़ती रही तो जिम, पार्क, रेस्टोरेंट, शादी समारोह पर पाबंदी, स्कूल-कॉलेज को दोबारा बंद करने जैसे सख्त निर्णय लिए जा सकते हैं।
सदर अस्पताल में 50 ऑक्सीजन बेड बढ़ेंगे
डीसी छवि रंजन ने सदर अस्पताल में तैयारियों का निरीक्षण किया था। उन्होंने नए भवन में धीमी गति से हो रहे कंस्ट्रक्शन काम के लिए एग्जीक्यूटिव इंजीनियर से नाराजगी जताई। पूछा- कितने दिन में हॉस्पिटल में नया कोविड फ्लोर तैयार होगा। इंजीनियर ने कहा- 12 से 15 दिन का समय लगेगा। डीसी ने कहा कि इतना समय नही है। ठेकेदार और एग्जीक्यूटिव इंजीनियर को उन्होंने तीसरे तल्ले में 50-60 बेड ऑक्सीजन के साथ जल्द से जल्द तैयार करने का निर्देश दिया। इससे पहले उन्होंने जांच केंद्रों पर मौजूद सुरक्षा बलों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कराने पर फटकार लगाई। लोगों से गाइडलाइन का पालन करने को कहा।
-एसिम्प्टोमैटिक मरीजों के लिए खेलगांव में 600 बेड
उपायुक्त छवि रंजन ने कहा कि खेलगांव आइसोलेशन सेंटर में 600 बेड से अधिक की व्यवस्था की जा चुकी है। आज के समय में जो एसिम्प्टोमैटिक मरीज हैं, वे होम आइसोलेशन को प्राथमिकता दे रहे हैं। जिला प्रशासन ने होम आइसोलेशन की निगरानी करनी शुरू कर दी है।
रिम्स में डेंगू वार्ड बना कोविड आइसोलेशन वार्ड
रिम्स के एक अधिकारी ने बताया कि मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए 98 बेड में और 20 बेड बढ़ा दिए गए है। डेंगू वार्ड को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील कर दिया गया है। यहां संक्रमितों को एडमिट किया जाएगा। मरीजों की संख्या बढ़ेगी, तो पहले की तरह मेडिसिन के डी 1 और डी 2 वार्ड में भी 72 बेड पर मरीजों को भर्ती किया जाएगा। इसके बाद सर्जरी के डी 1 और डी 2 वार्ड में भी 72 बेड बढ़ा दिए जाएंगे।