रांची (ब्यूरो) । त्योहारों से नवचेतना का संचार होता है और सुषुप्त शक्तियां जागृत होती हैं। ये उद्गार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के स्थानीय सेवा केन्द्र चौधरी बगान हरमू रोड में रक्षा बंधन कार्यक्रम में उपस्थित हुंडई मोटर्स के अमरजीत ने कहा यू तो बंधन किसी को अच्छा नहीं लगता लेकिन रक्षा बंधन के बंधन में सभी बंधना चाहते हैं। जब हम ईश्वर के प्रेम व मर्यादायों के बंधन में बंध जाते हैं तो विकारों और तमाम प्रकार की विकारों के बंधन से मुक्त हो जाते हैं। विकारों से मुक्त होने और अनैतिकता से दूर रहने से स्वत: ही हमारी रक्षा होने लगती है। ऐसे में यही अदृश्य सत्ता परमात्मा की शक्ति है जो अपनी शिक्षाओं के द्वारा ही हमारी रक्षा करते हैं।
आध्यात्मिक रहस्य है
कार्यक्रम में उपस्थित संजय गुप्ता, प्रमख बैज्ञानिक भारतीय कृषि जैव प्रौद्योगिकी संस्थान ने कहा रस्मों का भी अपना आध्यात्मिक रहस्य है तिलक आत्मिक स्मृति दिलाता है और गुणग्राही बन कर सर्व की गुणों को देखने की प्रेरणा देता है। मिठाई मीठे बोल व व्यवहार का प्रतीक है। केंद्र संचालिका ब्रह्माकुमारी निर्मला बहन ने कहा कि यह पर्व ऐसे समय की याद दिलाता है। जब परमात्मा ने प्रजापिता ब्रह्मा द्वारा कन्याओं - माताओं को ब्राह्मण पद पर आसीन कर भाई बहन के संबंध की पवित्रता की स्थापना का कार्य किया जिसके फलस्वरूप सतयुगी। पवित्र सुष्टि की स्थापना हुई। रक्षा बंधन केवल स्थूल तन की रक्षा का ही नहीं बल्कि आपदाओं, सतीत्व, न माया के बंधन व काल के पंजे से रक्षा का प्रतीक है। सच्ची राखी सूक्ष्म शुद्ध वृत्तियों को धारण करने का वह बंधन है जो मन वचन कर्म को पापों से मुक्त कर देता है। देश में आज अनेक प्रकार के पापाचार व हिंसक कार्य हो रहे हैं उनसे स्व की व सर्व की रक्षा करने के लिए यह राखी बंधन का रिवाज पतित पावन परमात्मा ने पवित्रता की प्रतिज्ञा कराने वाला है।