रांची(ब्यूरो)। नए साल में रांची की सड़कों पर आएंगी 244 सिटी बस। राजधानी रांची के लोगों को स्मूद ट्रांसपोर्टिंग व्यवस्था नए साल से मिलनी शुरू हो जाएगी। रांची नगर निगम द्वारा 24 इलेक्ट्रिक बस और 220 नन इलेक्ट्रिक बस खरीदने की तैयारी शुरू कर दी गई है। 16 दिसंबर को इसको लेकर प्री बीड मीटिंग हो रही है। टेंडर डालने की अंतिम तिथि 1 जनवरी 2024 तय है और उसके दूसरे दिन 2 जनवरी 2024 को टेंडर खुल भी जाएगा। इसके बाद एजेंसी का चयन होगा और रांची की सड़कों पर सिटी बसों का परिचालन शुरू हो जाएगा।
सीटिंग कैपासिटी 25-30
नगर निगम अगले महीने बसों के परिचालन के लिए कंपनी का चयन कर लेगी। इसके बाद चयनित कंपनी बसें खरीदकर उसे विभिन्न रूटों पर चलाएगी। नई खरीदी जाने वाली सभी बसें (25-30 की सीटिंग कैपासिटी वाली) मिनी बसें होंगी। बसों के परिचालन के लिए 13 रूट निर्धारित किए गए हैं। इसके लिए रांची नगर निगम क्षेत्र में 200 बस स्टॉप बनेंगे और पुराने बस स्टॉप अपग्रेड किए जाएंगे। हर बस रोज 174 किमी की दूरी तय करेगी। 244 में से 220 नॉन एसी डीजल बसें होंगी, जबकि 24 एसी इलेक्ट्रिक बसें होंगी। शुरुआत में करीब 200 बसों का परिचालन शुरू हो सकता है बाकी की बसें रिजर्व रखी जाएंगी।
40 किमी क्षेत्र में चलेंगी बसें
रांची नगर निगम क्षेत्र में यात्रियों की सुविधाएं बढ़ाने और निजी वाहनों का दबाव कम करने के लिए ये बसें चलाई जाएंगी। इसके अलावा रांची के आसपास के 40 किलोमीटर क्षेत्र के शहर-गांवों तक भी ये बसें जाएंगी। बसों की खरीद और इसके परिचालन में करीब 605 करोड़ रुपये खर्च होंगे। पीपीपी मोड पर बसों के परिचालन के लिए 3 पक्ष होंगे। रांची नगर निगम रूट तय करेगा और ऑपरेटरों को मिलने वाली राशि उपलब्ध कराएगा। ऑपरेटर-1 बसों का परिचालन करेगा और ड्राइवर मुहैया कराएगा, जबकि ऑपरेटर-2 का काम तकनीकी सुविधाएं देना होगा।
किराया भी कम होगा
नई सिटी बसों का परिचालन शुरू होने से यात्रियों की जेब पर भी बोझ कम होगा। कई रूट पर ऑटो और ई-रिक्शा यात्रियों से मनमाना भाड़ा वसूलते हैं, जबकि सिटी बसों का किराया काफी कम तय किया जाएगा। 2 किलोमीटर तक का किराया 5 रुपए, 2 से 5 किलोमीटर तक 10 रुपए, 5 से 10 किलोमीटर के लिए 15 रुपए और 10 किलोमीटर से अधिक होने पर यात्रियों को 20 रुपए किराया देना होगा। प्रत्येक दो वर्षों में 11 प्रतिशत किराया बढ़ाया भी जाएगा।
250 में सिर्फ 40 बसें चल रहीं
रांची नगर निगम को पहले भी करीब 250 बसें मिल चुकी हैं, लेकिन राजधानी में सिटी बस लोकप्रिय नहीं हो पाई। तंग सड़कें और भारी जाम के अलावा बस ऑपरेटरों की मनमानी के कारण लोग सिटी बसों को नजरअंदाज करते हैं। वहीं नगर निगम भी बसों की सही तरीके से मॉनिटरिंग नहीं कर पाया। इस वजह से अधिकतर बसें खराब हो गईं। 2005 में नगर निगम को 51 सिटी बसें मिली थीं। इनमें से 20 ही सड़क पर उतर पाईं, 31 बसें नगर निगम के स्टोर में रखे-रखे कबाड़ हो गई। वहीं 2009 में भी 200 सिटी बसें खरीदी गई थी, इनमें से 160 कबाड़ हो गई। सिर्फ 40 बसें ही चल रही हैं।
ट्रैफिक व्यवस्था सुधरेगी
अब रांची की ट्रैफिक व्यवस्था थोड़ी सुधरने की उम्मीद दिख रही है। कांटाटोली फ्लाईओवर, सिरमटोली-मेकॉन फ्लाइओवर और रातू रोड एलिवेटेड कॉरिडोर बनने के बाद लोगों को हांफती-रेंगती ट्रैफिक व्यवस्था से निजात मिलेगी। ऐसे में सिटी बसों का सही तरीके से परिचालन हो तो यह यात्रियों की पहली पसंद बन सकती है।