रांची (ब्यूरो) । भारतीय उपासना में स्त्री तत्व की प्रधानता पुरूषों से अधिक मानी गई है। नारी शक्ति ही संसार की सार्थकता भी सिद्ध करती है। नारी शक्ति को ही चेतना का प्रतीक भी कहा जाता है। शक्ति की प्रतीक मां दुर्गा के सभी नौ रूपों की पूजा एवं आराधना का भव्य आयोजन रांची के मनातू में नवनिर्मित निर्मलधाम सहजयोग केन्द्र में प्रतिदिन सुबह 07.00 से 09.30 बजे तक किया जा रहा है, जिसका समापन विजयादशमी के दिन किया जायेगा। पूजा में स्त्री-पुरूष के साथ नन्हे-नन्हें ब'चे सहित हजारों की संख्या में सहजयोगी भक्तगण प्रतिदिन इस नवनिर्मित निर्मल धाम में पहुंच रहे हैं। मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों का पूजन एवं मंत्रो'चार के साथ परम पूजनीय माताजी निर्मला देवी के आवाहन से वहां का वातावरण दिव्यता से प्रकाशित हो रहा है। इस पूजा को सहज योग केंद्र झारखंड यू ट्यूब के माध्यम से घर बैठे भी देखा जा सकता है।
भजनों की बही अमृतधारा
वहीं रविवार को नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की आराधना अनेकों भजन जैसे- तू ही जगत पिता, तू ही परमपिता, आओ जी आओ हमारे ह्रदय श्री माताजीसहज की धाराओं का हम अमृत पीते हैं, नवदुर्गा की ज्योत जलाओ रे इत्यादि भजन गाकर की गई। इस उपलक्ष्य में सहजयोग परिवार के द्वारा निर्मल धाम में सहज-ध्वज को भी लहराया गया। सहजयोग परिवार रांची के द्वारा झारखंड और देशवासियों को दूर्गापूजा की अनेकों बधाई एवं शुभकामनाएं दी गई है।