रांची(ब्यूरो)। खुद को समय से पहले सेटल्ड होना, अच्छी सोसायटी में रहने का क्रेज रांची के युवाओं में तेजी से बढ़ रहा है। रांची के रजिस्ट्री कार्यालय का यह डाटा बताता है कि जो भी प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री हो रही है, उसमें 60 परसेंट से अधिक ऐसे लोग हैं जिनकी उम्र 40 साल से कम है। रांची के रजिस्ट्री ऑफिस में हर दिन 60 से 70 डीड की रजिस्ट्री होती है, उसमें 40 से 50 डीड की रजिस्ट्री सिर्फ युवाओं के नाम हो रही है। बता दें कि रांची शहर में इस समय 100 से अधिक हाईराइज बिल्डिंग का निर्माण जोरों पर है। ये भवन अरगोड़ा, बरियातू, कांके रोड के अलावा पुंदाग, नामकुम, तुपुदाना और कटहल मोड़ जैसे शहर के बाहरी इलाके में भी निर्माणाधीन हैं।
सोसायटी पहली पसंद
रांची रजिस्ट्री ऑफिस के डाटा के अनुसार, पिछले साल करीब छह हजार से अधिक अपार्टमेंट में बने फ्लैट की रजिस्ट्री हुई है। इनमें से 40 साल से कम उम्र के युवाओं के नाम ज्यादा रजिस्ट्री हुई है। इसमें से अधिकतर लोगों ने राजधानी रांची में बन रही हाई राइज बिल्डिंग में अपने नाम से आशियाना खरीदा है।
हाइ राइज बिल्डिंग का ट्रेंड
शहर में जमीन की बढ़ती कीमत और विभिन्न सुरक्षा कारणों ने युवाओं के साथ-साथ लोगों का रूझान बदल कर रख दिया है। छत और आंगनवाले घर का कॉन्सेप्ट अब पुराने दिनों की बात होती जा रही है। ऐसे में हाईराइज अपार्टमेंट में फ्लैट्स की बढ़ती मांग ने इनके निर्माण की गति भी तेज कर दी है। राज्य गठन के बाद से राजधानी में तीन हजार से अधिक बहुमंजिली इमारतें खड़ी हो चुकी हैं। पिछले कुछ वर्षों से क्लब हाउस, स्वीमिंग पुल, जिम, स्पोट्र्स कांप्लेक्स जैसी कई तरह की सुविधाओं से युक्त हाइराइज अपार्टमेंट प्रचलन में आ गए हैं।
अधिकतर हाईराइज भवन बन रहे हैं
रांची शहर में इस समय 100 से अधिक हाईराइज बिल्डिंग का निर्माण जोरों पर है। ये भवन अरगोड़ा, बरियातू, कांके रोड के अलावा पुंदाग, नामकूम, तुपुदाना और कटहल मोड़ जैसे शहर के बाहरी इलाकों में भी निर्माणाधीन हैं। अगले पांच वर्षों में रांची में 100 के करीब हाईराइज बिल्डिंग तैयार खड़ी होंगी। अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त सोसाइटीवाली इन हाइराइज बिल्डिंग में फ्लैट सस्ते नहीं हैं। इलाके के मुताबिक इन निर्माणाधीन भवनों में फ्लैट की कीमत चार हजार से आठ हजार रुपए प्रति वर्ग फीट तक है। यानी दो हजार वर्गफीट के एक फ्लैट की कीमत लगभग एक करोड़ 60 लाख रुपए होती है। महंगी होने के बाद भी हाइराइज बिल्डिंग में खरीदारों की कमी नहीं है। प्रस्तावित बिल्डिंग के ज्यादातर फ्लैट बुकिंग खुलने के छह महीनों में ही बिक जा रहे हैं।
क्या कहते हैं बिल्डर्स
कंफेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया क्रेडाई के सदस्य रोहित अग्रवाल कहते हैं कि हाइराइज बिल्डिंग आज समय की मांग है। जमीन की पर्याप्त उपलब्धता नहीं होने से बिल्डर हाईराइज बिल्डिंग बनाना पसंद कर रहे हैं। विवाद रहित जमीन पर सुविधाओं के साथ फ्लैट मिलना लोगों को भा रहा है। सामान्य तौर पर जमीन की कमी और ऊंची कीमत के कारण बिल्डर हाईराइज बिल्डिंग बनाना चाहते हैं। रांची में जमीन की कमी होने के बाद भी हाइराइज बिल्डिंग का कल्चर बढ़ रहा है। बेहतर तकनीक उपलब्ध होने के कारण हाईराइज भवन पूरी तरह से सुरक्षित हैं। ऊपरी मंजिलों पर लोग शांति अनुभव करते हैं। इस कारण फ्लैट के बिकने में परेशानी नहीं है।
जॉब वाले युवाओं की प्रायोरिटी
नौकरी करने वाले युवाओं की संख्या अधिक है। रजिस्ट्री ऑफिस के एक अधिकारी ने बताया कि अपार्टमेंट में फ्लैट की रजिस्ट्री करानेवालों में युवाओं की संख्या अधिक है। इसमें ऑक्यूपेशन में अधिकतर लोग नौकरी लिखते हैं। इसके अलावा उम्र में भी 40 साल से कम वाले ही आ रहे हैं। रजिस्ट्री कराए गए अधिकतर फ्लैट आठ मंजिला या उससे अधिक ऊंची इमारतों में हैं। दूसरे शहरों के व्यापारी भी रांची में फ्लैट बुक कर रहे हैं।रांची में युवा जैसे ही सेटल्ड होते हैं उनकी पहली प्रायोरिटी अपने लिए आशियाना बनाना होता है। इसलिए रांची में जितने भी अपार्टमेंट में फ्लैट की बुकिंग हो रही है, उनमें युवा ज्यादा हैं।
-रोहित अग्रवाल, सदस्य, क्रेडाई झारखंड