डॉक्टरों को लिखने होंगे दो पुर्जे
झारखंड केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के जेनरल सेक्रेटरी अमर सिन्हा ने बताया कि ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट में अमेंडमेंट के बाद 15 जुलाई से ड्रग प्राइसिंग रेगुलेटर नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी की अधिसूचना 15 जुलाई से लागू हो रही है। इसके प्रावधान के तहत मरीज को बिना पुर्जे के दवा विक्रेता को दवाई नहीं देनी है। वहीं इसके प्रावधान के तहत डॉक्टरों को दो प्रिस्क्रीप्शन लिखना होगा, जिसमें से एक मरीज के पास रहेगा और दूसरा दवा विक्रेता के पास। इसी पुर्जे के आधार पर दवा विक्रेता मरीज को दवाएं देगा।

हर तीन महीने पर देंगे हिसाब
उन्होंने बताया कि प्रावधान के लागू होने के बाद दवा विक्रेता को हर तीन महीने पर ड्रग कंट्रोलर को हिसाब देना होगा। इसमें बताना होगा कि उसने किस पुर्जे पर दवा दी और उसे किस डॉक्टर ने कब लिखा। यह प्रक्रिया दवा व्यवसाय में लाइसेंस राज को बढ़ावा देगी क्योंकि प्रावधानों का पालन नहीं करनेवाले दुकानदारों की न सिर्फ दुकान बंद हो सकती है,बल्कि उन्हें जेल भी जाना पड़ सकता है।

प्रैक्टिकल नहीं है ये
रिम्स के मेडिसीन के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ संजय कुमार सिंह ने बताया कि अगर एनपीपीए के प्रावधानों में ऐसा कोई प्रावधान है, जिसमें डॉक्टरों को दो पुर्जे लिखने होंगे, तो यह प्रैक्टिकल नहीं है। डॉक्टरों के पास यूं ही समय की कमी होती है। ऐसे में अगर वे दो पुर्जे लिखने लगे, तो उन्हें और ज्यादा समय मरीज को देना होगा।