रांची(ब्यूरो)। सिटी में जाम की बड़ी समस्या है। सिटी की सभी सड़कों पर जाम लगा रहता है। इसकी प्रमुख वजह सड़क पर लगने वाली दुकानें हैं। दरअसल राजधानी के हर इलाके में अतिक्रमण है। सड़क नाली का एन्क्रोचमेंट कर दुकानदारों ने दुकानें खोल ली हैं, जिससे सड़क डिस्टर्ब रहता है। आवागमन भी प्रभावित होता है। दुकानदारों को मार्केट बनाकर दिया गया है। फिर भी कई दुकानदार हैं जो मार्केट में दुकान न लगाकर सड़क किनारे ही दुकान सजा लेते हैं। रातू रोड स्थित मधुकम सब्जी मार्केट का हाल भी ऐसा ही है। यहां भी सुखदेव नगर थाना के बगल में ही सब्जी मार्केट बनाया गया है। मार्केट में दुकान लगती है। लेकिन मार्केट के बाहर भी दुकानदारों ने कब्जा कर रखा है। सड़क के दोनों साइड सैकड़ों फल-सब्जी और मांस-मछली की दुकानें सजने लगी हैं। इससे सिर्फ मधुकम मार्केट ही नहीं, बल्कि पूरा इलाका डिस्टर्ब रहता है। सड़क पर पैदल चलने की भी जगह नहीं बचती।
अतिक्रमण हटाओ अभियान बंद
राजधानी रांची में इन दिनों रोड पर गाडिय़ां दौड़ नहीं रहीं, बल्कि सरक रही हैं। हर रास्ते पर जाम लग रहा है। आम और खास सभी इसका खामियाजा भुगत रहे हैैं। एक ओर जहां निर्माणाधीन फ्लाईओवर की वजह से यातायात प्रभावित हो रहा है, तो वहीं दूसरी ओर अतिक्रमण के कारण ट्रैफिक अस्त-व्यस्त रह रही है। सड़क पर दुकान लगाने वाले लोगों पर कई बार कार्रवाई हुई। लेकिन सुधार नहीं हो रहा है। नगर निगम द्वारा चलने वाला अतिक्रमण हटाओ अभियान इन दिनों फिर से बंद हो चुका है। इस वजह से दिनोंदिन सड़क पर दुकानों की संख्या बढ़ती जा रही है।
फस्र्ट फ्लोर खाली, रोड पर दुकान
रांची के फुटपाथ दुकानदारों के लिए सिटी में चार वेंडर मार्केट बनाए गए हैं। इनमें एक मधुकम स्थित सुखदेव नगर थाना के बगल में निर्मित सब्जी मार्केट भी है। वर्ष 2015-16 में रांची नगर निगम द्वारा मधुकम में सब्जी बाजार का निर्माण कराया गया था। ताकि यहां की सड़क अतिक्रमण मुक्त रहे। मार्केट में 300 से अधिक दुकानदारों को दुकानें भी आवंटित की गई हैं। शुरुआत में छह माह तक मार्केट में ही दुकानदारों ने दुकान लगाई, लेकिन इसके बाद एक-एक कर फुटपाथ दुकानदार रोड किनारे दुकान लगाने लगे। आज इस मार्केट के पहले फ्लोर पर एक भी दुकानदार नहीं है। सभी दुकानदार सड़क पर ही दुकान लगा रहे हैैं।
खुले में बिक रहा मांस-मछली
मधुकम सब्जी मार्केट के ठीक बगल में सुखदेव नगर थाना है, और थाना के बगल मेें ही खुले में मांस-मछली की भी बिक्री की जा रही है। जबकि खुले में मांस-मछली बेचना प्रतिबंधित है। नगर निगम भी आंखें बंद किए इन सबसे बेखबर बैठा है। मधुकम सब्जी बाजार में मटन-चिकन विक्रेताओं के बीच दुकानें अलॉट किए गए थे। लेकिन दुकानदार इन स्थानों पर दुकान नहीं लगा रहे। 39 दुकानदारों को जगह आवंटित की गई है, इसमें सिर्फ एक दुकानदार ही दुकान लगाता पाया गया। बाकी सभी सड़क किनारे चिकन, मटन और मछली बेच रहे हैं। दुुकानदारों का कहना है कि नई जगह पर कुछ काम बाकी है, उसे खुद से पूरा करवाना है। इसमें वक्त लगेगा। वहीं जो दुकानें संचालित हो रही हैं, वो भी नियमों को ताक पर रख कर ही संचालित की जा रही हैं।
बिना लाइसेंस ज्यादा दुकानें
सड़क किनारे सजने वाली लगभग सभी दुकानें बिना लाइसेंस के ही संचालित हो रही हैं। यहां संचालित हो रहे मटन, चिकन की अधिकतर दुकानें लाइसेंस लेने के योग्य भी नहीं हैं। क्योंकि इन दुकानों के लिए लाइसेंस लेने से पहले कई नियमों को पूरा करना होता है। जिसमें साफ-सफाई, पानी, नल, नाली, मांस के टुकड़े को ढक कर रखने की व्यवस्था होनी चाहिए। लेकिन रोड साइड चलने वाली ये दुकान एक भी नियम का पालन नहीं कर रही। मार्केट के चारों तरफ गंदगी के बीच ही नॉनवेज की बिक्री होती है। बचे हुए मांस और हड्डियों को भी इसी स्थान पर फेंक दिया जाता है, जिससे बदबू भी फैलती है।