रांची(ब्यूरो) । सिटी के लोगों को जल्द ही फ्लाईओवर की सौगात मिलने वाली है। वर्षों से फ्लाईओवर का लोग सपना देख रहे थे, जो अब पूरा होता दिख रहा है। उम्मीद है कि अगले महीने आम पब्लिक का इस फ्लाईओवर पर ट्रांसर्पोटेशन शुरू हो जाएगा। जी हां, हम बात कर रहे हैं कांटाटोली फ्लाईओवर की। विधानसभा चुनाव की आहट और मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट लागू होने की संभावनाओं के बीच कांटाटोली फ्लाईओवर के उद्घाटन की सुगबुगाहट तेज हो गई है। नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव सुनील कुमार ने कांटाटोली फ्लाईओवर को हर हाल में 30 सितंबर तक पूरा करने का अल्टीमेटम दे दिया है। इसे देखते हुए फ्लाईओवर के अंतिम चरण के काम को तेज कर दिया गया है। युद्धस्तर पर काम चल रहा है।
क्या है स्टेटस
फ्लाईओवर के कुल 42 पिलरों को आपस में जोड़ दिया गया है। इनके बीच कुल 486 सेगमेंटल बॉक्स को आपस में जोड़ा जा चुका है। सभी बॉक्स केबल से बांधते हुए विशेष ग्लू से जोडऩे का काम पूरा हो चुका है। सेगमेंटल बॉक्स को सड़क का रूप देने के लिए 50 एमएम का बिटुमिन लेयर भी चढ़ाया जा चुका है। उसके ऊपर 25 एमएम मास्टिक अस्फाल्ट का लेयर चढ़ाने का काम अंतिम चरण में है। फ्लाईओवर पर लाइटिंग के लिए लगभग 125 इलेक्ट्रिक पोल लगाए गए हैं। फ्लाईओवर के नीचे भी एलईडी बल्ब लगाए जा रहे हैं। शांति नगर कोकर के पास माइनर ब्रिज को चौड़ा करने का काम तेजी से चल रहा है।
फ्लाईओवर के नीचे बनीं दुकानें
फ्लाई ओवर के नीचे दुकानें बन गई हैं। दोनों साइड में दुकानें बनाई गई हैं। ये दुकानें उन लोगों को मिलेंगी, जिनकी जमीन इस फ्लाईओवर को बनाने में गई है। ये दुकानें मंगल टावर से लेकर खादगढ़ा बस स्टैंड तक दोनों साइड बनाई गई हैं। यहां 40 दुकानों का निर्माण किया गया है। इनका निर्माण पूरा होने के बाद दुकानें रांची नगर निगम को सौंप दी जाएंगी। इसके बाद रांची नगर निगम इन दुकानों का अलॉटमेंट अपने तरीके से करेगा। इसके लिए रांची नगर निगम जिला प्रशासन की सहमति लेगा।
2016 में ही शुरू हुआ था प्रोजेक्ट
यह फ्लाईओवर बनने से रांचीवासियों को आवागमन में काफी सुविधा होगी। ट्रैफिक जाम की समस्या से भी निजात मिलेगी। बता दें कि 2016 से कांटाटोली फ्लाईओवर निर्माण का काम चल रहा है। योगदा सत्संग आश्रम बहू बाजार रांची से कांटाटोली होते हुए कोकर तक इस फ्लाईओवर का निर्माण किया जा रहा है। इसकी लंबाई 2.24 किलोमीटर है। इसको लेकर निविदा भी निकाली गई थी। झारखंड की मोदी कंस्ट्रक्शन को काम दिया गया था, जिसने 19 पिलर भी बनाए थे, पर काम पूरा नहीं हो पाया। 2020 तक फ्लाईओवर का निर्माण पूरा हो जाना था। हर बार इसकी डेटलाइन बढ़ती गई।
40 से 240 करोड़ पहुंच गई लागत
राजधानी में बढ़ते ट्रैफिक लोड को देखते हुए फ्लाईओवर निर्माण का काम शुरू किया गया। लेकिन बार-बार इसमें अड़चन आने की वजह से काम रुकता चला गया। शुरुआत यानी साल 2016 में जब इस फ्लाईओवर का प्रपोजल तैयार हुआ तो उस वक्त इसकी लागत महज 40 करोड़ थीं, जो बढ़कर 224 करोड़ तक पहुंच गई। फ्लाईओवर निर्माण कार्य में काफी तमाशा भी हुआ। जमीन अधिग्रहण के लिए सरकार को काफी मुसीबतें झेलनी पड़ीं। रांची के कांटाटोली फ्लाईओवर का निर्माण दो रैयतों के विरोध के कारण काफी प्रभावित रहा। कभी विवाद तो कभी फंड के कारण निर्माण कार्य रुकता रहा।