रांची (ब्यूरो) । जवाहर विद्या मंदिर, श्यामली के छात्र स्थित प्रज्ञ ने अपना लोहा मनवाते हुए क्षेत्रीय गणित ओलंपियाड (आरएमओ) में 24 अंकों के साथ चौथा स्थान लाकर राष्ट्रीय गणित ओलंपियाड में अपना स्थान सुनिश्चित किया है।

प्राचार्य समरजीत जाना ने स्थित प्रज्ञ को आगामी परीक्षा के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हमारा शैक्षणिक प्रबंधन छात्र के व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास की खोज में समर्पण, ज्ञान और प्रतिबद्धता को चिह्नित करती है। आगे उन्होंने गणित की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गणित हमारे दैनिक जीवन का एक मूलभूत हिस्सा है जो गिनती से लेकर मापने तक और अधिक जटिल गणनाओं तक निहित है।

रिश्तों की पहचान

गणित का उपयोग करके हम रिश्तों की पहचान कर सकते हैं, पैटर्न को समझ सकते हैं और भविष्य की भविष्यवाणी कर सकते हैं। यह पैसे, इमारतों और सड़कों से लेकर इंटरनेट, खाद्य उत्पादन और यहां तक कि अस्पतालों तक हर चीज का आधार है। अत: हमें गणित ज़रूर सीखना चाहिए।

वहीं छात्र स्थित प्रज्ञ ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता और शिक्षकों को देते हुए कहा कि गणित मेरा पसंदीदा विषय है। आरएमओ (क्षेत्रीय गणित ओलंपियाड परीक्षा), आईओक्यूएम (इण्डियन ओलंपियाड क्वालीफ़ायर इन माथेमैटिक्स) का द्वितीय पड़ाव है। यह परीक्षा नन रूटीन माथेमैटिक्स पर आधारित है। नन रूटीन माथेमैटिक्स की कला को केवल अभ्यास और आलोचनात्मक सोच (क्रिटिकल थिंकिंग) के साथ विकसित किया जा सकता है।

सब्जेक्टिव परीक्षा है

आरएमओ एक सब्जेक्टिव परीक्षा है जिसमें प्रश्नों के उत्तर सभी स्टेप्स के साथ देने होते हैं। जिन विद्यार्थियों को गणित विषय में रुचि है उन्हें यह परीक्षा ज़रूर देनी चाहिए। इस परीक्षा में उत्तीर्ण होने के लिए विषय का गहन अध्ययन करना अति-आवश्यक है। किसी भी परीक्षा में सफलता हासिल करने के लिए स्पष्ट दृष्टिकोण रखना, दृढ़ संकल्पित रहना, ध्यान केंद्रित करना और साकारात्मक दृष्टिकोण रखना बेहद ज़रूरी है इसके लिए हमें लक्ष्य के प्रति जुनूनी बनकर आगे बढ़ना चाहिए।