-प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम से जुड़ेंगे राज्य के प्रशिक्षित कामगार

-इस वित्तीय वर्ष में तीन हजार मीट्रिक टन तसर रेशम के उत्पादन का लक्ष्य रखा सरकार ने

-30 हजार शिल्पी स्फूर्ति योजना के माध्यम से होंगे लाभान्वित

-185 करोड़ रुपये की लागत से आदित्यपुर में मैनुफैक्च¨रग क्लस्टर की होगी स्थापना

-3000 मैट्रिक टन तसर उत्पादन का लक्ष्य है, गोड्डा के मेगा हैंडलूम क्लस्टर में

-2500 उद्यमियों को लाभान्वित किए जाने का लक्ष्य, बनाए जाएंगे सात कलस्टर

रांची : राज्य सरकार ने नए उद्यमियों के लिए बेहतर माहौल तैयार करने का संकल्प इस बजट के माध्यम से दोहराया है। उद्यमों में युवाओं को प्राथमिकता देते हुए प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से राज्य सरकार ने स्वरोजगार को अपना हथियार बनाया है। प्रदेश में 5000 युवाओं को स्वरोजगार के माध्यम से जोड़ने की घोषणा बजट के माध्यम से की गई है। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत इन युवाओं को लाभान्वित किया जाएगा। इसके साथ ही सरकार ने क्लस्टर विकास पर भी फोकस किया है। आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र में समेकित इलेक्ट्रॉनिक मैनुफैक्च¨रग क्लस्टर की स्थापना 185 करोड़ रुपये की लागत से की जा रही है। राज्य में पूर्व से संचालित केद्र और राज्य की योजनाएं भी यथावत चलती रहेंगी।

छह जिलों को फायदा

बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने सदन को जानकारी दी कि प्लास्टिक पार्क, फॉर्मा पार्क एवं व‌र्ल्ड ट्रेड सेंटर के लिए झारखंड औद्योगिक आधारभूत संरचना विकास निगम को कार्यान्वयन एजेंसी बनाया गया है। गोड्डा में भारत सरकार के सहयोग से मेगा हैंडलूम क्लस्टर का निर्माण कार्य जारी है जिसमें संताल परगना के छह जिलों के लोग लाभान्वित होंगे। सरकार ने बजट में यह भी बताया है कि इसवर्ष 3000 मैट्रिक टन तसर उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। झारखंड पहले ही पूरे देश में तसर उत्पादन में अग्रणी राज्य रहा है।

2500 उद्यमियों को जोड़ेंगे

स्फूर्ति (स्कीम ऑफ फंड फॉर रिजेनेरेशन ऑफ ट्रैडिशनल इंडस्ट्रीज) योजना से राज्य में उद्यमी युवाओं के कायाकल्प की उम्मीदें बढ़ रही हैं। इसके अंतर्गत सात क्लस्टर का कार्यान्वयन 2021-22 में किया जाएगा जिसके माध्यम से 2500 उद्यमियों को लाभान्वित किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। बोर्ड के माध्यम से राज्य के शिल्पियों, उद्यमियों का आर्टिजन कार्ड बनवाकर राज्य एवं केंद्र की योजनाओं के तहत लाभ दिलाने की कोशिश की जाएगी। इसके माध्यम से 30 हजार शिल्पियों को लाभान्वित किए जाने का भी प्रस्ताव है। उद्यमियों को भी इस योजना का लाभ मिलेगा।