रांची(ब्यूरो)। वर्तमान स्थितियों में मन को शक्तिशाली बनाने के लिए प्रतिदिन शुभ संकल्पों से स्वयं को सुशोभित करने की जरूरत है। यही मन का भोजन है। मन को सुदृढ़ बनाने के पहले आधार को मजबूत करना आवश्यक है। इसके लिए हमें संवेदनशीलता के साथ 24 घंटे में से सुबह का एक घंटा और सोने से पहले एक घंटे का समय देना होता है। इस वक्त का श्रेष्ठ संकल्प यही है कि परमात्मा मेरे साथ है। रविवार को खेलगांव स्थित हरिवंश टाना भगत स्टेडियम में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित Óउत्सव हर पलÓ कार्यक्रम में ये बातें जीवन प्रबंधन विशेषज्ञ, अंतरराष्ट्रीय मोटिवेशनल स्पीकर व ब्रह्माकुमारीज की टीवी आइकान ब्रह्माकुमारी बीके शिवानी ने कहीं।

मन की शक्ति को चार्ज करें

उन्होंने कहा कि मैं परमात्मा की संतान हूं। मेरा शरीर व मन स्वस्थ है। संकल्प से हम अपने मन की शक्ति को चार्ज कर सकते हैं। इसी प्रकार हम छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखें तो स्वयं को और अपने रिश्तों का ध्यान रख पाएंगे। सबसे पहले हमें स्वयं को सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर होकर स्वयं को मजबूत बनाना होगा, तभी हम अपने बच्चों को अपनी शक्ति से सशक्त बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि संस्कार से ही संसार बनता है। बचपन में सुना था कि दीया जलता रहे तो जीवन शुभ होगा, दीया बुझ गया तो जीवन अशुभ होगा। इसलिए हम दीये का कितना ध्यान रखते हैं कि बुझ न जाए।

हम मांगने वाले बन गए हैं

उन्होंने कहा कि आज हम मांगने वाले बन गए हैं। हम उनसे मांग रहे हैं जो खुद खाली है। हमें उनसे मांगना चाहिए जो देने वाला है। जब हम दीया थे तो भारत स्वर्णिम था। इसलिए जब एक शोर मचाए तो दूसरे को दीया अर्थात दीपक (देने वाला) बन जाना चाहिए। हालांकि आज हमारी आत्मिक स्थिति कमजोर हो गई है। हम एक-दूसरे से सिर्फ मांग रहे हैं। इस कार्यक्रम के दौरान ब्रह्माकुमारी निर्मला बहन ने अंतरराष्ट्रीय मोटिवेशनल स्पीकर बीके शिवानी का स्वागत किया। बाल कलाकारों ने सांस्कृतिक नृत्य प्रस्तुत किया। राजधानी में पहली बार शहरवासियों ने मेडिटेशन के माध्यम से गहन शांति की अनुभूति की। मौके पर न्यायमूर्ति अनिल कुमार चौधरी, गौतदम कुमार चौधरी, जस्टिस आनंद सेन, कर्नल राजीव कुमार जीटो, एकता जैन, सरोज जैन, आइसीएआइ की अध्यक्ष श्रद्धा बागला, समाजसेवी सबिता साहू, बीके निर्मला बहन, बीके शीला इत्यादि उपस्थित थे।