रांची(ब्यूरो)। सिटी की सड़कों पर ई-रिक्शा का कब्जा हो गया है। राजधानी की सभी सड़कों पर ई-रिक्शा दौड़ रहे हैं। इनकी वजह से अक्सर सड़क पर जाम की स्थिति बनी रहती है। बीते पांच सालों से ई-रिक्शा की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है। पहले सिर्फ पेट्रोल-डीजल ऑटो से परेशानी रहती थी लेकिन अब ई-रिक्शा भी यातायात को प्रभावित कर रहे हैं। कोरोना काल से पहले ई-रिक्शा को चलने के लिए रूट पास दिए गए थे, साथ ही रूट भी निर्धारित किए गए थे। लेकिन बीते दो साल से सिस्टम एक बार फिर बेपटरी हो चुका है। साल 2017 में सुगम यातायात व्यवस्था के लिए ई-रिक्शा की शुरुआत की गई थी। लेकिन आज यही ई-रिक्शा सड़क पर सबसे बड़ी समस्या बन चुका है। आज इनकी बढ़ती संख्या पर कोई नियंत्रण नहीं है। सरकार इन रिक्शों का निबंधन भी कर रही है, पर परमिट सिस्टम नहीं होने से शहर में ई-रिक्शा चालक अपनी मनमानी करते हैं। शुरुआत में इनका रूट केवल मेन रोड से राजेन्द्र चौक तक निर्धारित किया गया था, विभिन्न रूटों के लिए 1400 ई-रिक्शा को निगम की ओर से परमिट जारी किया गया था। लेकिन आज इनकी संख्या सात हजार के करीब पहुंच चुकी है। जबकि 4500 ई-रिक्शा रजिस्टर्ड हैं। लेकिन सड़क पर अवैध रूप से करीब दस हजार ई-रिक्शा दौड़ रहे हैं।

लगातार बढ़ रहे ई-रिक्शा

महीने दर महीने रिक्शा की संख्या बढ़ती जा रही है। हर दिन नए ई-रिक्शा सड़कों पर आ रहे हैं। इससे भीड़ बढ़ती जा रही है। जिससे जाम लगना आम बात हो गई है। ई-रिक्शा चालक पूरे शहर में वाहन लेकर कहीं भी घुस जाते हैं, जिस वजह से शहर में जाम की समस्या बढ़ रही है। ई-रिक्शा चालक भी ऑटो चालक की ही तरह बेतरतीब ढंग से ई-रिक्शा का परिचालन करते हैं। साथ ही इनके द्वारा सवारी के साथ बदतमीजी करने की भी बात कई बार सामने आ चुकी है। बीते साल ट्रैफिक स्मूद करने के लिए कई योजनाएं बनीं, लेकिन इसका कोई असर नहीं दिखा। ई-रिक्शा को व्यवस्थित करने के लिए भी कई योजनाएं बनीं लेकिन सब धरी की धरी रह गईं।

अवैध ई-रिक्शा स्टैंड भी

राजधानी में ई-रिक्शा सिर्फ आम पब्लिक ही नहीं, बल्कि पुलिस प्रशासन के लिए भी सिरदर्द बन चुका है। जिस रफ्तार में ई-रिक्शा की संख्या बढ़ रही है, उसी अनुरुप सिटी में अवैध ई-रिक्शा ऑटो स्टैंड भी बढ़ गए हैं। मेन रोड, रातू रोड, पिस्का मोड़, हरमू रोड, बरियातू, डोरंडा, चुटिया समेत सभी इलाकों में ई-रिक्शा की तादाद काफी बढ़ चुकी है। इनकी वजह से कचहरी चौक, कमिश्नर चौक, सर्जना चौक, कोकर चौक, तिरिल चौक, रिम्स चौक, चौक, बरियातू चौक, चडरी चौक, जेल चौक, हरमू चौक और न्यू मार्केट से हरमू जाने वाली सड़क पर ई-रिक्शा अवैध स्टैंड बना दिए गए हैं। देखा जाए तो कहीं न कहीं ई-रिक्शा की वजह से शहर ओवरलोड हो चुका है।

फिर मिलेगा परमिट व रूट पास

ई-रिक्शा से होने वाली समस्याओं से नगर निगम या ट्रैफिक विभाग भी अनजान नहीं है। एक बार फिर से ई-रिक्शा को नियंत्रित करने के लिए नगर निगम ने परमिट और रूट पास जारी करने का निर्णय लिया है। बीते दिनों अधिकारियों की हुई बैठक में ई-रिक्शा को व्यवस्थित करने का निर्णय लिया गया है। हालांकि यह पहले भी किया गया था। रूट के आधार पर ई-रिक्शा को रूट पास दिए गए थे। गलती करने वालों से फाइन भी वसूला गया था। जानकारी के मुताबिक बीते पांच सालों में नगर ने ई-रिक्शा चालकों से करीब 64 लाख रुपए की वसूली की है। लेकिन बीते कुछ महीनों से नगर निगम की ओर से न तो परमिट दिया जा रहा था और न ही रूट पास। ऐसे में ई-रिक्शा वाले जहां मर्जी ई-रिक्शा चला रहे हैं। हालांकि नगर निगम एक बार फिर से रूट पास जारी करने जा रहा है। इसे लेकर सर्वे कराने और रूट चार्ट तैयार करने का निर्देश दे दिया गया है।

हर इलाके में ई-रिक्शा

राजधानी के हर इलाके में ई-रिक्शा चल रहे हैं। शुरुआत में रांची नगर निगम ने 2 हजार ई-रिक्शा को परमिट दिया था। जिसके लिए रूट भी निर्धारित किया था। रूट का वायलेशन करने पर फाइन भी लगाए जा रहे थे। पहली बार रूट वायलेशन पर 5 हजार, दूसरी बार वायलेशन पर 15 और तीसरी बार 25 हजार फाइन का नियम भी बना हुआ है। झारखंड नगरपालिका अधिनियम की धारा 412 के तहत शहर की यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ एवं व्यवस्थित करने के उद्देश्य से यह नियम लागू किया गया था।

ई-रिक्शा को व्यवस्थित करने के लिए प्लान तैयार है। ई-रिक्शा चालकों को परमिट और रूट पास जारी किया जाएगा। नियम का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।

-रजनीश कुमार, डीएमसी, रांची