रांची: राजधानी में कोरोना का कहर जारी है। इस बीच मानसून ने दस्तक दी। सावन में तो सिटी में उतनी बारिश नहीं हुई जितनी लोगों को उम्मीद थी। लेकिन दो दिनों से सिटी में हो रही मूसलाधार बारिश ने लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। सिटी के कई इलाकों में वॉटरलॉगिंग की समस्या हो गई। इतना ही नहीं, कई जगहों पर तो बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं, जिससे नगर निगम की व्यवस्था की पोल खुल गई। कई इलाकों में तो पेड़ और बिजली के खंभे भी गिर गए, जिससे रास्ते बंद हो गए। काफी मशक्कत के बाद उसे हटाकर आवागमन शुरू किया गया।
नालियों की सफाई का दावा फेल
नगर निगम ने मानसून से पहले ही शहर की सभी नालियों की सफाई का दावा किया था। इसके बाद निगम के हेल्थ सेक्शन के अधिकारियों ने कहा था कि नालियों की दोबारा सफाई कराई जा रही है, जिससे कि वॉटरलॉगिंग की समस्या नहीं होगी। साथ ही यह भी कहा था कि कुछ इलाकों में नालियों का लेवल ठीक नहीं है। ऐसी जगहों पर परेशानी झेलनी होगी। लेकिन मूसलाधार बारिश ने पूरे शहर की व्यवस्था की पोल खोल दी है। जगह-जगह जल जमाव से लोग परेशान हैं।
बाढ़ सा नजारा, ग्राउंड फ्लोर डूबा
मूसलाधार बारिश के कारण नालियां ओवर फ्लो हो गईं। वहीं रोड पर का पानी लोगों के घरों में घुस गया। स्थिति यह है कि कई इलाकों के घरों के ग्राउंड फ्लोर डूब गए हैं। ऐसे में लोग या तो अपने बेड पर चढ़कर पानी से बचे हैं या फिर छत पर डेरा डाल लिया है। इसके अलावा कई लोग पानी में ही रहने को मजबूर हैं। चूंकि जबतक पानी नहीं निकलता वे कुछ कर नहीं सकते। वहीं घरों से बाहर निकलने के बाद भी समझ नहीं आ रहा है कि कहां रोड है। यह देख लोग घरों में ही रहना बेहतर समझ रहे हैं।
एक दिन में 54 एमएम बारिश रिकार्ड
रांची में गुरुवार को 54 एमएम बारिश रिकार्ड की गई। इससे पहले बुधवार से ही सिटी में लगातार बारिश हो रही है। मौसम विभाग की मानें तो छह दिनों तक सिटी में बारिश होगी, जिसमें चार दिनों तक मूसलाधार बारिश की संभावना जताई गई है। वहीं दो दिन बारिश कम होगी, जिससे साफ है कि फिलहाल लोगों को इस झमाझम बारिश से छुटकारा नहीं मिलने वाला है।