रांची (ब्यूरो)। सरकारी हॉस्पिटलों में अब रिम्स के बाद सदर में भी कार्डियक पेशेंट का इलाज हो सकेगा। इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है। हॉस्पिटल में इसके लिए इकोकार्डियोग्राफी मशीन लगा दी गई है। वहीं मरीजों को इसका लाभ भी मिलने लगा है। अब तक सिर्फ रिम्स में ही कार्डियक पेशेंट का इलाज होता था। रिम्स ऐसा हॉस्पिटल है जहां हार्ट के मरीजों का बेहतर इलाज होता है। रिम्स में ओपेन हार्ट सर्जरी भी होती है। अस्पताल सरकारी होने के कारण इसमें खर्च भी कम होता है। यही कारण है कि सिर्फ रांची झारखंड नहीं, बल्कि दूसरे राज्यों से भी लोग यहां अपना इलाज कराने आते हैं। इस कारण यहां हार्ट के मरीजों का लोड बहुत ज्यादा होता है। लेकिन अब यह लोड कम होने वाला है। क्योंकि सदर हॉस्पिटल में भी यह सुविधा शुरू हो रही है। राजधानी के सदर हॉस्पिटल में भी हार्ट के मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराने की तैयारी है।

1255 रुपए में सीजीएचएस

सीजीएचएस के लिए 1255 रुपए मरीजों से लिए जा रहे हैं। इससे साफ है कि आने वाले दिनों में रिम्स पर हार्ट के मरीजों का लोड कम होगा। वहीं सुविधाएं बढऩे से मरीज इलाज के लिए प्राइवेट हॉस्पिटल्स की दौड़ नहीं लगाएंगे। हालांकि, इको के रेट पर विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक होगी,जिसमें मरीजों को ध्यान में रखते हुए और कम करने की बात कही जा रही है। हार्ट सर्जन डॉ राजेश कुमार झा के नेतृत्व में सदर हॉस्पिटल में कार्डियक केयर यूनिट की शुरुआत की जा रही है। इससे आपरेशन को छोड़ अन्य सभी तरह की समस्याओं का इलाज सदर में भी हो सकेगा। हॉस्पिटल प्रबंधन का उद्देश्य यह है कि सदर में भी मरीजों को प्राइवेट हॉस्पिटल की तरह सुविधाएं मिलें। हालांकि कैथलैब के लिए स्वास्थ्य विभाग रेस है। आने वाले कुछ महीनों में हार्ट का आपरेशन भी सदर में शुरू हो जाएगा।

डेडिकेटेड कार्डियक टीम

डॉ राजेश कुमार झा ने बताया कि हॉस्पिटल में एक डेडिकेटेड टीम बनाई जा रही है, ताकि किसी भी शिफ्ट में हार्ट के मरीजों को परेशानी नहीं हो। चूंकि यहां पर डॉक्टरों के शिफ्ट में ड्यूटी लगाई जाती है। ऐसे में हैंडओवर लेने की प्रक्रिया है, इससे मरीजों को परेशानी हो सकती है। इसलिए ऐसी टीम बनाई जा रही है जो सुबह से रात तक वर्किंग होंगे। ताकि किसी भी शिफ्ट में मरीजों को कोई परेशानी न हो। चूंकि शिफ्ट बदलने से नए डॉक्टर को मरीज की हिस्ट्री पता नहीं रहती।

जल्द बनेगा कैथ लैब

सदर अस्पताल में हृदय रोगियों को ओपीडी के साथ ही सर्जरी की भी सुविधा दी जाएगी। इसके लिए अस्पताल में कैथ लैब बनाने का काम जल्द शुरू होगा। इस दिशा में स्वास्थ्य विभाग सक्रियता से काम कर रहा है। स्वास्थ्य सचिव की ओर से चुनाव संपन्न होने के बाद मैनपावर सहित उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने को लेकर आश्वस्त किया गया है। सदर अस्पताल में डॉक्टर्स, नर्स, दवाइयों और 500 बेड्स की संख्या के हिसाब से मैनपावर उपलब्ध कराए जाएंगे। सिटी स्कैन, एमआरआइ, अल्ट्रासाउंड और मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटर के लिए कैथ लैब मशीनों की खरीदारी भी की जाएगी। सिविल सर्जन प्रभात कुमार ने बताया कि अस्पताल में फिलहाल 240 बेड के हिसाब से मैनपावर कार्यरत हैं और इसे बढ़ाने की जरूरत है। प्रधान सचिव ने नियुक्तियों सहित यहां आवश्यक सेवाओं के तहत सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने को आश्वस्त किया है। उन्होंने बताया कि मरीजों के इलाज के लिए स्वास्थ्य व्यवस्था में कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह तैयार है और विचार कर रहा है।

सदर हॉस्पिटल को हाईटेक किया जा रहा है। आने वाले दिनों में हृदय रोगियों का यहां सफल इलाज हो सके, इसी उद्देश्य से हम आगे बढ़ रहे हैं।

-प्रभात कुमार, सिविल सर्जन, रांची