रांची (ब्यूरो) । रविवार को गंगा दशहरा के पावन अवसर पर, स्वर्णरेखा नदी के संरक्षण और स्वच्छता के प्रति जन जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से जोहार स्वर्ण रेखा, नमामि स्वर्णरेखा के तहत विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इस कार्यक्रम में गंगायात्री पीयूष पाठक सैकड़ों पर्यावरण प्रेमियों के साथ स्वर्णरेखा नदी के लिए दौड़ लगाएंगे और बड़ा तालाब के छठ घाट पर बनारस के सात आचार्यों के साथ गंगा आरती करेंगे.कार्यक्रम का महत्व गंगा दशहरा का पर्व भारतीय संस्कृति में नदियों की महत्ता को दर्शाता है। मोक्षदायिनी गंगा और इसके प्रतिरूप नदियाँ आज स्वयं के उद्धार के लिए भागीरथी की प्रतीक्षा कर रही हैं। इस पावन अवसर पर नमामि स्वर्णरेखा पहल के तहत आयोजित दौड़ का उद्देश्य नदियों और तालाबों की स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के प्रति सामूहिक संकल्प लेना है। कार्यक्रम के अनुसार 8.00 बजे से सुबह 10 बजे तक जयपाल सिंह स्टेडियम से स्वर्णरेखा एवं हरमू नदी के संगम, चुटिया तक गंगा आरती संध्या 6.30 बजे से रात 8.30 बजे तक, बड़ा तालाब के छठ घाट पर, बनारस के सहयोगी सात आचार्यों के साथ की जाएगी।
पीयूष नेतृत्व करेंगे
इस पहल का नेतृत्व कर रहे पीयूष पाठक एक जाने-माने गंगायात्री हैं। उनके पिता रोटी बैंक, रांची के तहत से झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स परिसर में विगत साढ़े चार बर्षो से प्रत्येक दिन जरूरतमंदों को भोजन कराते है। पीयूष पाठक ने कहा, नदियों और तालाबों की स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाना हमारा नैतिक दायित्व है। इस पहल के माध्यम से हम नदियों के संरक्षण और पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने का संकल्प लेते हैं। शाम को बड़ा तालाब के छठ घाट पर आयोजित गंगा आरती में बनारस के सात आचार्य शामिल होंगे। यह पवित्र अनुष्ठान न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि जल स्रोतों के प्रति हमारे कर्तव्यों की याद भी दिलाता है। गंगा आरती के माध्यम से हम नदियों की महत्ता और उनकी स्वच्छता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को पुन: स्थापित करेंगे। इस महत्वपूर्ण अवसर पर कई प्रशासनिक और राजनीतिक व्यक्तित्वों के उपस्थित होने की संभावना है। इनकी उपस्थिति इस आयोजन को और अधिक महत्वपूर्ण बनाएगी और जन जागरूकता को बढ़ावा देगी।
पर्यावरण प्रेमियों का आह्वान
सभी पर्यावरण प्रेमियों, समाजसेवियों और नागरिकों से अपील है कि वे इस दौड़ और गंगा आरती में शामिल होकर नदियों और जलाशयों की स्वच्छता और संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को व्यक्त करें। यह सामूहिक प्रयास नदियों की स्वच्छता और पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।